Headlines
Loading...
IND vs AUS :: 'बेहद बकवास निर्णय,' खराब अंपायरिंग का शिकार हुए कोहली और वॉशिंगटन सुंदर, भारत के खिलाफ फैसले पर मचा घमासान

IND vs AUS :: 'बेहद बकवास निर्णय,' खराब अंपायरिंग का शिकार हुए कोहली और वॉशिंगटन सुंदर, भारत के खिलाफ फैसले पर मचा घमासान

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारतीय टीम के लिए कुछ भी सही नहीं हो रहा है। अंतर्कलह के चलते जहां टीम बिखरी हुई है। वहीं, मैदान पर टीम के साथ भी कुछ सही नहीं हो रहा है। सीरीज में एक के बाद एक गलत फैसले देखने को मिल रहे हैं। सिडनी टेस्ट में भी खराब अंपायर देखने को मिली।

पांचवें और आखिरी टेस्ट मैच में भी खराब अंपायरिंग देखने को मिली, जिसके बाद पूर्व खिलाड़ियों सहित क्रिकेट पंडितों ने बेकार अंपायरिंग के फैसले की आलोचना की। सिडनी टेस्ट के दौरान पहले विराट कोहली को गलत फैसले के चलते आउट करार दिया गया। इसके बाद कोहली ने डीआरएस लिया तो मामला साफ हुआ और उन्हें नॉट आउट दिया गया।

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में खराब अंपायरिंग

हालांकि, वॉशिंगटन सुंदर खराब अंपायरिंग का शिकार हुए। जोएल विल्सन ने फील्ड अंपायर सैकत शरफुद्दौला के निर्णय को ऑस्ट्रेलिया के डीआरएस लेने के बाद वॉशिंगटन सुंदर को कैच आउट करार दिया। दरअसल, पैट कमिंस ने वॉशिंगटन सुंदर को एक बाउंसर की। वॉशिंगटन सुंदर ने कमिंस की शॉर्ट पिच डिलीवरी को खेलने का प्रयास किया। हालांकि, गेंद कीपर के ग्लब्स में चली गई। ऑस्ट्रेलिया ने कैच की अपील की।

ऑस्ट्रेलिया ने लिया डीआरएस

फील्ड अंपायर सैकत ने नॉट आउट कर दिया। इसके बाद पैट कमिंस ने डीआरएस लिया। थर्ड अंपायर विल्सन ने काफी देर रिप्ले देखा और तय किया कि गेंद सुंदर के ग्लब्स से लगकर कीपर के पास गई थी, जबकि गेंद जब ग्लब्स के पास थी तो स्निकोमीटर पर कोई स्पाइक नहीं थी। हालांकि, एक फ्रेम आगे करने पर उसमें हरकत दिखी, लेकिन गेंद ग्लब्स से दूर थी। फिर भी सुंदर को आउट करार दिया गया। अंपायर के इस फैसले ने नई बहस को जन्म दे दिया।

माइकल वॉन ने की आलोचना

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने जोएल विल्सन के आउट देने के फैसले पर आश्चर्यजनक बताया। वहीं, भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने भी फैसले की आलोचना की। उथप्पा ने कहा, 'मुझे दुख है, लेकिन यह एक बेकार निर्णय है! निश्चित रूप से, एक स्पाइक था, लेकिन साइड एंगल से, गेंद और दस्ताने के बीच एक स्पष्ट जगह थी। इस तरह के निर्णयों में बहुत अस्पष्टता होती है। इसका लाभ बल्लेबाज को मिलना चाहिए।'