144 वर्ष बाद दुर्लभ संयोग में लगे महाकुम्भ में पुण्य कमाने के बहाने अपनों ने मुंह मोड़ लिया, इन नौ महिलाओं को है अपनों का इंतजार...
महाकुंभ नगर, ब्यूरो। 144 वर्ष बाद दुर्लभ संयोग में लगे इस बार के महाकुम्भ में पुण्य प्राप्ति को हर कोई लालायित है. बीते चार दिन में लगभग साढ़े पांच करोड़ स्नानार्थी आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। हालांकि कुछ लोग ऐसे भी आए जिन्होंने कुम्भ की पवित्र धरा को भी अपनी स्वार्थ सिद्धी का माध्यम बनाया और अपने परिवार के बुजुर्गों को संगम की रेती पर छोड़कर चले गए।
पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले की दुर्गापुर की 70 वर्षीया चम्मा घोष अपने बड़े बेटे मधुसूदन घोष के साथ मकर संक्रांति के दिन संगम में डुबकी लगाने आई थीं. संगम से देर शाम ट्रेन पकड़ने प्रयागराज जंक्शन पहुंचीं, तो अचानक बेटे का साथ छूट गया. किसी तरह रोते-बिलखते पुलिसकर्मियों की मदद से मेला क्षेत्र के सेक्टर नंबर चार स्थित खोया-पाया केंद्र पहुंचीं. यहां से मधुसूदन को फोन करने पर उसका मोबाइल लगातार स्विच ऑफ बता रहा है. वहीं छोटे बेटे दयामयी घोष से बात हुई लेकिन उसने आने से इनकार कर दिया।
इसी तरह खोया-पाया केंद्र में तीन दिन से चाकघाट, रीवा की 75 वर्षीया अरुणा रह रही हैं. अरुणा को उनके भाई ने संगम में लाकर छोड़ दिया. अरुणा ने रोते हुए बताया कि तीन भाइयों हीरालाल, रामसूरत और बद्रीनाथ में वह सबसे छोटी बहन हैं. उनकी शादी नहीं हुई है. तीनों भाई उनके हिस्से की संपत्ति पर कब्जा करने की नीयत से पहले भी उन्हें कई बार घर से भगा चुके हैं।
इन नौ महिलाओं को अपनों का है इंतजार
महाकुम्भ के पहले दो स्नान पर्वों पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति पर अत्यधिक भीड़ की वजह से 4500 लोग अपनों से बिछड़ गए. अधिकतर लोगों को खोया-पाया केंद्र व पुलिस ने उनके परिजनों से मिलवा दिया. वर्तमान में केंद्र में नौ बुजुर्ग महिलाएं रीवा की कुसुम कली, मोतिहारी बिहार की चम्पा देवी, सासाराम बिहार की शांति, पटना की विमला, वीरभूमि पश्चिम बंगाल की आरोती माना, चौबीस परगना पश्चिम बंगाल की काजल दास, वर्धमान की चम्मा घोष, सोनभद्र की चिंता देवी, चाकघाट की अरुणा और सुरसरी नेपाल की रामरतन आश्रय लिए हुए हैं।
कुम्भ मेला में बिछड़े अधिकांश लोगों को उनके परिजनों से मिलवा दिया गया है। वर्तमान में नौ बुजुर्ग महिलाएं व एक वृद्ध खोया-पाया केंद्र में आश्रय लिए हुए हैं उनके बताए गए पते के अनुसार परिजनों व संबंधित थाने से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।
- मुनेंद्र पाल सिंह, सीओ।।