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17 लाख के लॉस में हूं, 500 का सामान 100 में बेच रहा...महाकुंभ आए राजस्थानी व्यापारी जय को हुआ भारी नुकसान, देखें Live Exclusive...

17 लाख के लॉस में हूं, 500 का सामान 100 में बेच रहा...महाकुंभ आए राजस्थानी व्यापारी जय को हुआ भारी नुकसान, देखें Live Exclusive...

महाकुंभ नगर। महाकुंभ में जहां आस्था की लहर उमड़ रही है, वहीं त्रिवेणी बाजार के व्यापारियों पर मायूसी की छाया पड़ गई है। श्रद्धालुओं की भीड़ तो है, लेकिन ग्राहक नहीं, जिससे पॉश मार्केट में सन्नाटा पसरा हुआ है। दुकानदारों का आरोप है कि प्रशासन की अव्यवस्था और अनावश्यक ट्रैफिक डायवर्जन ने उनके कारोबार की कमर तोड़ दी है। कई व्यापारियों ने नुकसान से तंग आकर दुकानें समेट लीं, जबकि कुछ मीडिया के कैमरे के सामने अपने आंसू नहीं रोक सके। उन्होंने महाकुंभ में शानदार बिक्री की उम्मीद से निवेश किया था, लेकिन प्रशासनिक फैसलों ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया।

जयपुर से आए जय नामक व्यापारी ने मीडिया से बातचीत में कहा, "मेरी यहां कपड़े की दुकान है। मैंने 7 लाख रुपये की बोली लगाकार दुकान ली थी। मैंने कॉर्नर की दुकान हासिल करने के लिए ज्यादा बोली लगाई थी. मगर प्रशासन ने दूकान के पास वाला गेट बंद कर दिया। गेट के बाहर रेहड़ी वाले आ गए, हम लोग कहां जाएंगे।"

उन्होंने आगे कहा, "मेरी इतनी बड़ी शॉप खाली पड़ी है। मैं अब 500 वाला आइटम 100 रुपये का बेच रहा हूं, ताकि मेरा स्टॉक खाली हो जाए। 100 रुपये रेट करने के बाद भी दुकान खाली है। मेरा इतना स्टॉक बंद पड़ा है, मैं उसे खोल ही नहीं पाया हूं। सेल होगी तभी खोलूंगा न. हम तो इस टेंशन में हैं कि अब इसे लेकर कैसे जाएंगे. मेरा पूरा ही लॉस है। में 15 से 17 लाख रुपये के लॉस में हूं। और ये सामान वापस लेकर जाऊंगा तो 20 से 22 लाख का नुकसान हो जाएगा।"

व्यापारी आशीष ने क्या बताया

मीडिया से बातचीत में व्यापारी आशीष पांडे ने कहा, "काम बहुत बेकार चल रहा है, यहां कुछ भी नहीं है। मेला प्रशासन ने बैरिकेडिंग कर दी है, जिसकी वजह से यहां कोई भी नहीं आ रहा है। रिकवरी छोड़िए हम डेली के खर्चे नहीं निकाल पा रहे हैं। मेरा यहां टोटल इन्वेस्टमेंट 22 से 25 लाख का है. मैंने उसका 5% भी निकाला है। आज मैंने बस 1000 रुपये की बिक्री की है।"

उत्तराखंड से आए व्यापारी का दर्द जानिए

उत्तराखंड से महाकुंभ में दुकान लगाने आए सुरेश कुमार गुप्ता नामक व्यापारी ने कहा, "इस मेले में मेरा सामान 25% भी नहीं बिका है. नीलामी के बाद उचित बोली बोलकर हमने दुकान खरीदी थी। टोटल दुकान की कीमत 15 लाख रुपये है। प्रशासन अपनी बता पर खड़ा नहीं उतरा. हम व्यापारी लोग रो गए हैं। अगले महीने 17 मार्च को मेरी बेटी की शादी है। लाखों रुपये कर्जा लेकर मैंने 70 लाख का इन्वेस्टमेंट किया. हमने कुछ कमाया नहीं बल्कि गंवा दिया।"

उन्होंने आगे कहा, "मेरी दुकान का खर्चा तक नहीं निकला है। बेटी के बारे में मैंने क्या-क्या सपने सोच कर रखे थे। पता नहीं वो सपना पूरा होगा कि नहीं होगा। प्रशासन ने जो वादे किए थे उन्हें पूरा नहीं किया।"