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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु कल नहायेंगी महाकुंभ का अमृत स्नान, सीएम योगी आदित्यनाथ भी रहेंगे साथ, करीब 5 घंटे बिताएंगी प्रयागराज में पल...

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु कल नहायेंगी महाकुंभ का अमृत स्नान, सीएम योगी आदित्यनाथ भी रहेंगे साथ, करीब 5 घंटे बिताएंगी प्रयागराज में पल...

ब्यूरो, प्रयागराज। महाकुम्भ में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सोमवार को आएंगी। संगम स्नान करेंगी। राष्ट्रपति सुबह 11 बजे प्रयागराज पहुंचेंगी और शाम चार बजे तक यहां रहेंगी। इस दौरान फ्लोटिंग जेटी पर संगम स्नान, पूजन करेंगी। यहां से अक्षयवट दर्शन, पूजन, हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगी। 

इसके बाद सेक्टर तीन स्थित यमुना संकुल में राष्ट्रपति भोजन करेंगी। जिसके बाद डिजिटल कुम्भ अनुभूति केंद्र का अवलोकन कर अरैल घाटर ट जाएंगी और फिर हेलीकॉप्टर से बमरौली और वहां से दिल्ली के लिए रवाना होंगी। राष्ट्रपति की अगुवाई के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ सुबह 10:30 बजे प्रयागराज आ जाएंगे।

सीएम यहां राष्ट्रपति के कार्यक्रम में शामिल होंगे और शाम चार बजे के बाद आईट्रिपलसी में अफसरों के साथ माघी पूर्णिमा की तैयारियों की समीक्षा बैठक करेंगे। राष्ट्रपति के आगमन के पूर्व उनके कार्यालय के अफसर शनिवार को प्रयागराज आ गए। उन्होंने उन सभी स्थानों का भ्रमण किया जहां राष्ट्रपति को जाना है। रविवार को फ्लीट रिहर्सल किया गया।

जलवायु संरक्षण पर मंथन 16 को

यूपी सरकार की ओर से 16 फरवरी को महाकुम्भ में जलवायु सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। सेक्टर 25 में आगमन टेंट सिटी के सामने सुबह 9.30 बजे से शुरू होकर सम्मेलन शाम छह बजे तक चलेगा। इसका उद्घाटन सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे। 

सम्मेलन में धर्मगुरुओं, धार्मिक संगठनों, वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं, पर्यावरणविदों, नागरिक समाज व उद्योग जगत के जानेमाने विशेषज्ञ शामिल होंगे। प्रमुख लोगों में जलपुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह, आई फॉरेस्ट के सीईओ डॉ. चंद्रभूषण, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष अमरेंदु प्रकाश, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड के अध्यक्ष अनिल कुमार जैन उपस्थित रहेंगे।

सम्मेलन में शिक्षा जगत से राष्ट्रीय उन्नत अध्ययन संस्थान के उपेंद्र त्रिपाठी, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के राजेंद्र रत्नू व टेरी की आरआर रश्मि और धार्मिक विचारकों में गौर गोपाल दास, स्वामी मुकुंदानंद, शालिनी मेहरोत्रा, सिस्टर मनोरमा, प्रो. चंद्रमौली उपाध्याय, स्वामी आत्माश्रद्धानंद व आचार्य हरिदास गुप्त शामिल होंगे।

साथ ही पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय व ऊर्जा विभाग एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी रहेंगे। सम्मेलन में विशेषज्ञों के बीच पैनल चर्चा होगी। पर्यावरण संरक्षण व जलवायु परिवर्तन के शमन में धार्मिक नेताओं की भूमिका, पवित्र नदियां, जल सुरक्षा व जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के अनुकूल धार्मिक स्थल व महाकुम्भ में सतत आयोजन सहित छह विषयों पर चर्चा आयोजित कराई जाएगी। 

सम्मेलन का प्रमुख आकर्षण संकल्प पत्र होगा, जिसमें सभी सहभागी पक्ष एक संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करेंगे। इसमें जलवायु संरक्षण में धार्मिक संगठनों की भूमिका और उनके द्वारा उठाए जाने वाले कदमों का विवरण होगा।