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संगम में नागा साधुओं की डुबकी, काशी में चल रहा इलाज, घाट बने अस्पताल, BHU के डॉक्टर कर रहे ट्रीटमेंट...

संगम में नागा साधुओं की डुबकी, काशी में चल रहा इलाज, घाट बने अस्पताल, BHU के डॉक्टर कर रहे ट्रीटमेंट...

वाराणसी जिला, ब्यूरो। प्रयागराज महाकुंभ से काशी आए नागा साधुओं की सेहत को लेकर आईएमएस बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रो. वीएन मिश्रा ने खास पहल की है. घाट वॉक के तहत वह अपने सहयोगियों के साथ घाट ओपीडी चला रहे हैं, जहां नागा साधुओं का इलाज किया जा रहा है.न्यूरोलॉजिस्ट प्रो वी एन मिश्रा प्रतिदिन सायं 5 बजे विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों सहित नागा साधुओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं और नि: शुल्क दवा दे रहे हैं।

प्रो. वीएन मिश्रा ओपीडी के माध्यम से नागा साधुओं के स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं. जांच के दौरान कई साधुओं के फेफड़ों में इंफेक्शन और एलर्जी की समस्या मिल रही है. महाकुंभ में करीब महीने भर तक प्रयागराज में गंगा किनारे रहने के बाद बड़ी संख्या में नागा साधु काशी आ रहे हैं. इनमें किसी को सर्दी-जुकाम है तो कोई एलर्जी से परेशान है।

घाटों पर चला रहे ओपीडी

प्रो. वीएन मिश्रा ने कहा कि संगम किनारे रहने के दौरान रेत के कण शरीर में आ गए हैं. इससे उन्हें ये समस्या हो रही है. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि घाटवॉक के तहत नियमित ओपीडी चलाई जा रही है. हर दिन शाम 5 बजे टीम के बाद शिवाला, दांडीघाट, हनुमान घाट, शंकराचार्य घाट सहित अन्य घाटों पर ये ओपीडी चल रही है. अब तक करीब 50 से अधिक साधुओं को इसका लाभ पहुंचाया गया. मौके पर बीपी जांच व अन्य जरूरी जांच की जा रही हैं. जरूरत पड़ने पर बीएचयू में भी उपचार करवाया जाएगा।

125 नागा साधुओं का कर चुके हैं इलाज

प्रो वी एन मिश्रा ने कहा कि अब तक 125 नागा साधुओं का इलाज कर चुका हूं. जरूरत पड़ने पर इनका टेस्ट भी कराया जा रहा है और जांच रिपोर्ट के आधार पर दवाइयां दी जा रही है. उन्होंने बताया कि करीब एक महीने तक घाटों पर रहने के कारण साधु संतों और नागा साधुओं को कई तरह की समस्याएं हो रही है. उनमें फेफड़े में इंफेक्शन और एलर्जी की समस्या सामने आ रही है।