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पैरों में लाशों का ढेर, गोद में चीखते-चिल्लाते दूसरों के बच्चें और आंखों में आंसूओं का सैलाब. भगदड़ के दौरान तान्या मित्तल की ऐसी थी हालत

पैरों में लाशों का ढेर, गोद में चीखते-चिल्लाते दूसरों के बच्चें और आंखों में आंसूओं का सैलाब. भगदड़ के दौरान तान्या मित्तल की ऐसी थी हालत

बड़ी खबर, झूंसी से। प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ में 49 लोगों की मौत हो गई। इनमें 25 मृतकों की शिनाख्त हो गई है और 24 अज्ञात हैं। हादसा संगम नोच और झूसी सेक्टर-21 में हुआ। जिस वक्त भगदड़ मची हालत अचानक से बेकाबू हो गए। लोगों को कुछ समझ नहीं आया। वह एक दूसरे को कुचलते रहे. झूसी इलाके में हुई घटना की चश्मदीद यूपी टूरिज्म की प्रमोटर तान्या मित्तल घटना के वक्त वहां मौजूद थीं। उन्होंने और उनकी टीम ने कई लोगों को बचाया। तान्या के मुताबिक, हालात बेहद खराब थे, उनके पैरों के नीचे लाशें थीं।

तान्या मित्तल ने हादसे की एक-एक घटना को मीडिया को बताया। बात करते समय वह भावुक हो गईं। घटना के एक-एक भयावह मंजर को उन्होंने बताया, जिसे सुन रौंगटे खड़े हो गए। भगदड़ के बाद तान्या ने मदद के लिए मेला हायर ऑथोरिटी को कॉल की। उन्हें लोकेशन भी भेजी, लेकिन कहीं से मदद नहीं मिली। उन्होंने बताया कि हादसे को कंट्रोल करने के लिए कोई ठोस प्रबंध नही था। सारा मैनेजमेंट फेल था। हादसे के वक्त खुद तान्या की हालत खराब थी।

बच्चों को बचाने के लिए भीड़ में कूदी

हादसे के वक्त यूपी टूरिज्म प्रमोटर तान्या मित्तल हिल टॉप स्थित अपने आश्रम पर थीं. उन्होंने बताया कि अचानक भीड़ के चीखने की आवाज आने लगी. नीचे देखा तो लोग फंसे हुए थे। वह मदद के लिए चिल्ला रहे थे. वह वहां पहुंची, छोटे-छोटे बच्चे भीड़ में फंसे हुए थे। तान्या उन्हें बचाने के लिए भीड़ में कूद गईं। उन्होंने बताया कि वह उनकी गोद में 1-2 साल के बच्चे थे. वह चीख रहे थे। 

उनके मां-बाप बिछड़ गए थे, पैरों के नीचे थीं लाशें

तान्या मित्तल ने बताया कि सामने हल्दीराम का स्टोर था। वह अपनी टीम के साथ वहां पहुंची। सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें अंदर किया। तान्या कहती हैं कि लोग उन्हें अपने बच्चे देकर जा रहे थे, वह भूखे और प्यासे थे। वह तड़प रहे थे। उन्होंने एक महिला को रेस्क्यू किया उसे सीपीआर दिया लेकिन वह मर चुकी थी। तान्या ने बताया उनकी टीम ने एक शख्स को रेस्क्यू किया। वह भी दम तोड़ चुका था। उसका जबड़ा टूटा हुआ था। वह कहती हैं कि उनके पैरों के नीचे चार लाशें पड़ी थीं। घटना से वह सिहर उठी हैं। बातचीत के दौरान घटना का दर्दनाक मंजर उनकी आंखों को नम कर दे रहा है।