Headlines
Loading...
क्या अपना देह बेच कर पैसा दें तुम्हे?'- बिहारी महिला को प्रयागराज में एम्बुलेंस वाले से कहना पड़ा ऐसा..कुंभ से लौटते समय वृद्धा की मौत...

क्या अपना देह बेच कर पैसा दें तुम्हे?'- बिहारी महिला को प्रयागराज में एम्बुलेंस वाले से कहना पड़ा ऐसा..कुंभ से लौटते समय वृद्धा की मौत...

लखनऊ राज्य, ब्यूरो। अद्भुत-अलौकिक और धार्मिक-आध्यात्मिक आयोजन प्रयागराज के महाकुंभ से दिल को झकझोर देने तथा मानवीय संवेदनाओं को तार-तार कर देने वाली खबर आई है। यूपी की योगी सरकार के दावें के अनुरूप भले ही कुंभ मेले की सारी व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त हो लेकिन यह खबर व्यवस्था में लगे लोगों की मानवीय संवेदनाओं की कुव्यवस्था की बानगी जरूर है। 

दरअसल ममला बिहार के औरंगाबाद का है। एक परिवार महाकुंभ स्नान का पुण्य कमाने प्रयागराज गया था। इस दौरान वहां भगदड़ मच गया। भगदड़ के बाद इस परिवार ने फौरन घर लौटने का फैसला लिया। लेकिन, वापसी दुखद रही। परिवार की एक वृद्ध महिला की वापसी के सफर में प्रयागराज स्टेशन पर ट्रेन में बैठते ही तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई। शव को ट्रेन से उतारा गया। पोस्टमार्टम के लिए शव को प्रयागराज के मुख्य सरकारी अस्पताल में लाया गया। पोस्टमार्टम भी हो गई लेकिन यही से दिल को झकझोर देने और मानवीय संवेदनाओं को तार-तार कर देने वाली खबर आई। 

क्या देह बेच कर दे पैसा?

पोस्टमार्टम के बाद शव को दाह संस्कार के लिए ले जाने की बारी आई। चूंकि भगदड़ में पास के सारे सामान और पैसे गायब हो गए थे। लिहाजा परिवार के पास पैसे थे ही नही। बड़ा सवाल शव को दाह संस्कार के लिए शव को ले जाने का था। इसके लिए एंबुलेस या शव वाहन की जरुरत थी। इस जरूरत के आगे रुपए आड़े आ रहे थे। कोई एंबुलेंस वाला शव को दाह संस्कार के लिए वाराणसी ले जाने के लिए 1100 तो कोई 600 मांग रहा था। कोई भी रियायत और दरियादिली दिखाने को तैयार नही था। सभी लाश को ढोने के नाम पर व्यापार में लगे थे। 

लिहाजा पीड़ित परिवार की एक महिला गायत्री देवी खीझ गई। गुस्से में ही उसने कहा कि बिहार से पैसा मंगवा रही हूं। कहां से दे पैसा? क्या अपना देह बेच कर पैसा दे? खैर घर से पैसे आए तब यह परिवार शव को लेकर वाराणसी के मणिकर्णिका घाट आया, जहां दाह संस्कार किया गया। अब यह परिवार वाराणसी से घर वापसी की यात्रा पर आज है।

कुंभ स्नान करने गया था परिवार

जानकारी के मुताबिक औरंगाबाद के ओबरा प्रखंड के पकड़ी गांव के रमेश शर्मा सपरिवार कुंभ स्नान करने प्रयागराज गए थे। वही भगदड़ में यह परिवार तो बच गया लेकिन वापसी में ट्रेन में बैठते उनकी 60 वर्षीया पत्नी की तबीयत बिगड़ी और हार्ट अटैक से मौत हो गई। मौत के बाद ही इस परिवार को दुश्वारियां झेलनी पड़ी। मृतका के परिवार के बेटे-बहू आलोक शर्मा और गायत्री देवी ने कहा कि महाकुंभ मेले में परिवार से बिछुड़ने और मिलने की कहानी तो अपने पुरखों से सुनी है लेकिन उनके साथ जो हुआ, वे भूल नहीं सकते हैं। उन्होंने अपने परिवार के सदस्य को खोया है। यह दुःखभरी कहानी उन्हे जीवन भर याद रहेगी। इधर इस खबर के गांव में पहुंचते ही पूरा गांव मातम में है। गांव में मातम पसरा है। हर किसी की आंखें नम है। परिवार के अन्य सदस्यों का रो रोकर बुरा हाल है।