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महाकुंभ में आज शनिवार को उमड़ा जन ज्वार, तकरीबन सवा करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में पुण्य की डुबकी...

महाकुंभ में आज शनिवार को उमड़ा जन ज्वार, तकरीबन सवा करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में पुण्य की डुबकी...

ब्यूरो, महाकुंभ नगर। जया एकादशी पर रवि योग में अमृतमयी त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी के लिए शनिवार को आस्था का जन ज्वार उमड़ पड़ा। आधी रात के बाद ही संगम जाने वाले रास्तों पर भीड़ तिल-तिल कर आगे बढ़ती रहीं। भक्तों के साथ संतों ने भी शोभायात्रा निकाल कर संगम में डुबकी लगाई। मेला प्रशासन ने रात आठ बजे तक 1.32 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का दावा किया है।

महाकुंभ में शनिवार को तकरीबन सवा करोड़ ( 1.22 करोड़) श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। इसमें एक करोड़ 12 लाख श्रद्धालु और करीब दस लाख कल्पवासी शामिल हैं। विश्व के इस सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम में आयोजन में 27 दिनों में 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। श्रद्धा का रेला कम होने का नाम नहीं ले रहा है। माना जा रहा था की वसंत पंचमी के बाद कुछ राहत मिलेगी, लेकिन स्नानार्थियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति से 7 फरवरी तक महज 25 दिन में 40.68 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया है। अभी 18 दिन शेष हैं।

प्रयागराज महाकुंभ पर प्रदेश सरकार ने 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान जताया था, लेकिन ये संख्या शुक्रवार को ही पार कर गई। स्नान के महत्व और तैयारियों के बीच देश-दुनिया से रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं। महाकुंभ में मकर संक्रांति के पहले शाही स्नान पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई थी। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर दूसरे शाही स्नान के अवसर पर रिकार्ड 7.64 करोड़ ने अमृत स्नान किया। तीन फरवरी को तीसरा शाही स्नान था, जब 2.57 करोड़ ने स्नान किया। 26 फरवरी तक महाकुंभ है। उम्मीद है कि श्रद्धालुओं का आंकड़ा 50 करोड़ पार कर जाएगा। शनिवार को एक करोड़ 22 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया।

18 दिन का मेला बाकी, 50 करोड़ पार कर सकती है स्नानार्थियों की संख्या

मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान करने वालों का आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। महाकुंभ के अभी 18 दिन शेष हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि स्नान करने वालों की संख्या 50 करोड़ पार कर जाएगी। शुक्रवार को स्नानार्थियों का आंकड़ा 40 करोड़ पार कर गया।

महाकुंभ के तीनों अमृत स्नान यानी मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी बीत चुके हैं। श्रद्धालुओं का उत्साह बना हुआ है। पूरे देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से पवित्र त्रिवेणी में श्रद्धा और आस्था की डुबकी लगाने के लिए प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। हालात यह हैं कि रेल और रोडवेज को अतिरिक्त ट्रेनों और बसों का संचालन करना पड़ा रहा है। वसंत पंचमी के बाद भी यातायात डायवर्जन लागू करना पड़ा। बृहस्पतिवार को शहर में इस कदर श्रद्धालु उमड़े कि एक से आठ तक के स्कूलों को 12 फरवरी तक ऑनलाइन चलाने का आदेश जारी करना पड़ा।

मौनी अमावस्या पर सर्वाधिक आठ करोड़ लोगों ने लगाई डुबकी

महाकुंभ में अब तक मौनी अमावस्या पर सर्वाधिक आठ करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति पर अमृत स्नान किया। एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ से ज्यादा और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य डुबकी लगाई, इसके अलावा वसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई।

जया एकादशी पर उमड़ा जन ज्वार, संगम पर भक्ति की हिलोर

संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए आस्था के जन समुद्र में शनिवार को अमृत स्नान सरीखा माहौल नजर आया। भक्ति की लहरें उफना गईं। चाहे लाल मार्ग हो या काली मार्ग या फिर त्रिवेणी मार्ग। हर तरफ से भक्ति का सागर संगम में मिलने के लिए उमड़ता रहा। वहीं, भोर में ही रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ने लगा। साथ ही निजी वाहनों से लगभग सभी पार्किंग भर गईं। भीड़ को देखते हुए संगम जाने वाले मार्गों पर कड़ी बैरिकेडिंग की गई। इसके बाद भी श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी तट पर डुबकी लगाने को बढ़ते रहे। वहीं, मेले में वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया।

भीड़ के मद्देनजर एहतियातन मेला प्रशासन ने चुस्त-दुरुस्त इंतजाम किए हैं। 12 किमी की परिधि में फैले संगम के घाटों पर स्नानार्थी ही नजर आ रहे थे। कोई दंड-कमंडल लेकर तो कोई सिर पर गठरी और कंधे पर झोला-बोरा लिए संगम की ओर बढ़ता नजर आ रहा था। रास्ते भर जय गंगा मैया, हर-हर महादेव और जय श्रीराम के गगनभेदी जयघोष गूंजते रहे। मेला क्षेत्र के इंट्री प्वाइंटों, संगम व पांटून पुलों पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। पुलिस, पैरामिलिट्री के अलावा होमगार्ड्स, एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस और यूपी एसटीएफ के जवानों की मुस्दैती देखते बन रही है।

जगद्गुरु जीयर स्वामी ने किया जया एकादशी पर संतों-भक्तों संग किया अमृत स्नान

सेक्टर -आठ में महाकुंभ के सबसे बड़े कल्याणकारी लक्ष्मीनारायण महायज्ञ परिसर से शनिवार को जगद्गुरु जियर स्वामी के सानिध्य में जया एकादशी पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई। हजारों संतों-भक्तों ने मां गंगा के जयकारे के साथ संगम की पावन त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाई।

लक्ष्मी नारायण यज्ञ के लिए जया एकादशी पर जीयर स्वामी अमृत स्नान करने संगम घाट पहुंचे। हजारों श्रद्धालुओं के साथ संगम पहुंचकर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संतों के साथ उन्होंने अमृत स्नान किया। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश से बड़ी संख्या में आए शिष्यों ने भी अमृत स्नान किया। जीयर स्वामी ने बताया कि जया एकादशी महापर्व पर संगम में स्नान अमृततत्व को प्राप्त करना है। रविवार को जीयर स्वामी के सान्निध्य में 108 कन्याओं की शादी होगी। इसमें बिहार ,झारखंड,यूपी,एमपी, छत्तीसगढ़ के दूल्हा दुल्हन सात फेरे लेंगे।

संगम पर फिर बढ़ी भीड़, प्रशासन के हाथ-पांव फूले

महाकुंभ नगर। संगम पर शनिवार को एक बार फिर बेतहाशा भीड़ उमड़ने से प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। सुबह ही महाकुंभ मेला के सेंट्रल एनाउंस प्वाइंट से संगम नोज को खाली करने की अपील की जाने लगी। पुलिस अफसर बार-बार आग्रह कर रहे थे कि संगम पर भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है, ऐसे में लोग घाट को खाली कर दें, ताकि किसी को असुविधा का सामना न करना पड़े।