ज्ञानेश कुमार के मुख्य चुनाव आयुक्त बनने से हुए परिजन खुश, एक बेटी डीएम तो दूसरी IRS अधिकारी, दोनों दामाद भी हैं IAS...
नईदिल्ली, ब्यूरो। नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार गुप्ता की जन्म स्थली आगरा है। उनके पिता डॉ. सुबोध कुमार गुप्ता और मां सत्यवती गुप्ता विजय नगर कॉलोनी में रहते हैं। पिता मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद से रिटायर हो चुके हैं। पिता के सरकारी नौकरी में होने की वजह से तबादला होते रहे और ज्ञानेश कुमार की शिक्षाहोने की वजह से शिक्षा गोरखपुर, लखनऊ और कानपुर से हुई। ज्ञानेश के परिवार में ज्यादातर चिकित्सक हैं पर उन्होंने अलग रास्ता चुना।
ज्ञानेश कुमार का परिवार मूल रूप से मिढ़ाकुर का रहने वाला है लेकिन पिता वहां से आगरा आकर बस गए। पंजाब नेशनल बैंक के पास वाली गली में सबसे अंतिम मकान सुबोध कुमार गुप्ता का है। फिलहाल उनके माता-पिता दिल्ली में हैं।
ज्ञानेश बचपन से ही प्रतिभाशाली थे। वाराणसी के क्वींस कॉलेज में वह टॉपर रहे। 12वीं उन्होंने लखनऊ के काल्विन तालुकेदार कॉलेज से की, यहां भी टॉप किया। इसके बाद आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। इसके बाद वे सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने दिल्ली चले गए। वहां एक साल उन्होंने हुडको में भी काम कया। 1988 में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास की और केरल कैडर के आईएसएस अधिकारी बन गए। पहली नियुक्ति उन्हें तिरुवनंतपुरम में बतौर डीएम मिली। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया है।
यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2007 से 2012 तक वे रक्षा मंत्रालय में संयुक्त रक्षा सचिव रहे। 2014 में वे केरल सरकार के दिल्ली में रेजिडेंट कमिशनर थे। इस्लामिक स्टेट की हिंसक गतिविधियों के बीच उन्होंने 183 भारतीयों को इराक से निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनमें इरबिल में फंसी 46 मलयाली नर्स भी शामिल थीं।
सुबोध कुमार गुप्ता के पड़ोसी बताते है कि विजय नगर कॉलोनी में उनके परिवार के 28 सदस्य चिकित्सक है। मां सत्यवती अब भी योग सिखाती है। ज्ञानेश कुमार की बड़ी बेटी मेधा रूपम वर्तमान में कासगंज जिले की जिलाधिकारी हैं। उनके पति मनीष बंसल भी आईएएस हैं और दोनों 2014 बैच के आईएएस हैं। उनकी दूसरी बेटी अभिश्री आईआरएस अधिकारी हैं और उनके पति अक्षय लाबरू आईएएस हैं। उनके बेटे अरनव पढ़ाई कर रहे हैं। ज्ञानेश के भाई मनीष कुमार आईआरएस अधिकारी हैं और बहन रोली इंदौर में विद्यालय चलाती हैं, उनके पति उपेंद्र जैन आईपीएस हैं। ज्ञानेश पिछले साल जनवरी में सहकारिता मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य करते हुए रिटायर हुए थे।
अनुच्छेद 370 हटाने से लेकर राम मंदिर निर्माण में निभाई अहम भूमिका
गृह मंत्रालय में सचिव रहते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला हो या फिर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कमेटी के सदस्य के तौर पर काम। नए मुख्य चुनाव आयुक्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार ने अपनी काबिलियत से केंद्र सरकार के फैसलों को लागू करने में बड़ी भूमिका निभाई है। उन्हें केंद्र सरकार ने श्रीराम मंदिर तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट में प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया था। वे बाल स्वरूप के भगवान श्रीराम की मूर्ति चयन के निर्णायक मंडल में भी रहे।