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सीएम योगी ने प्रदेश सरकार के 08 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित किया.. देखें फोटोज और डिटेल पढ़ें...

सीएम योगी ने प्रदेश सरकार के 08 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित किया.. देखें फोटोज और डिटेल पढ़ें...


राज्य ब्यूरो, लखनऊ : 24 मार्च, 2025।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रेरणादायी मार्गदर्शन व विजनरी नेतृत्व में सेवा, सुरक्षा और सुशासन के भाव के साथ कार्य करते हुए, प्रदेश सरकार के आज 08 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। इस शानदार यात्रा में प्रदेश की लगभग 25 करोड़ जनता का व्यापक समर्थन व आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। 

मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में उत्तर प्रदेश सरकार की सेवा, सुरक्षा और सुशासन की नीति के 08 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने विगत 08 वर्षां में प्रदेश सरकार की उपलब्धियों पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया। 

उन्होंने कहा कि विगत 08 वर्षां में प्रदेश सरकार द्वारा समग्र विकास के अनेक क्षेत्रों में कार्य किया गया है। इनमें अन्नदाता किसानों के उत्थान, युवाओं के रोजगार, मातृशक्ति के स्वावलम्बन, हस्तशिल्पियों व कारीगरों के उत्थान, अवसंरचना विकास, परम्परागत उद्यमिता को नए स्किल के साथ आगे बढ़ाने आदि से सम्बन्धित कार्य सम्मिलित हैं। आगामी 25, 26 तथा 27 मार्च को प्रत्येक जिला मुख्यालय पर एक मेले का आयोजन किया जाएगा। इस तीन दिवसीय विकास उत्सव के माध्यम से जनपद के लाभार्थियों, युवाओं, मातृशक्ति तथा उद्यमियों आदि के सम्मान के साथ साथ उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का कार्य किया जाएगा।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश व तंत्र वही है? व्यवस्था में बदलाव से व्यापक परिवर्तन कैसे लाया जा सकता है, यह विगत 08 वर्षों में प्रदेश की जनता जनार्दन ने अनुभव किया है। यह वही उत्तर प्रदेश है, जिसके युवाओं के सामने वर्ष 2017 से पूर्व पहचान का संकट था। जहां किसान आत्महत्या करता था। बेटियां और व्यापारी असुरक्षित थे। दंगों की बारम्बारता से अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ा था। 08 वर्ष पूर्व प्रदेश को बीमारू राज्य की श्रेणी में रखा जाता था। इसे देश के विकास का बैरियर माना जाता था। आज वही उत्तर प्रदेश देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है। यह देश के विकास का ब्रेकथ्रू बनकर प्रत्येक सेक्टर में आगे बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। 

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रकृति और परमात्मा की असीम कृपा प्राप्त करने वाला प्रदेश है। यहां की भूमि अत्यन्त उर्वर व पर्याप्त जल संसाधन हैं। इन संसाधनों को व्यवस्थित कर प्रदेश को देश के खाद्यान्न उत्पादन का बास्केट बनाया जा सकता था। लेकिन वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में कृषि क्षेत्र पूरी तरह उपेक्षित था। वर्ष 2017 के पश्चात प्रदेश सरकार ने कृषि क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन किये। वर्ष 2016-17 में प्रदेश में कृषि विकास दर पांच फीसदी के आसपास थी। आज यह दर बढ़कर साढ़े 13 प्रतिशत से अधिक हो गई है। इसके माध्यम से प्रदेश की जी0डी0पी0 में 28 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है।

प्रदेश सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में लघु और सीमान्त किसानों की 36,000 करोड़ रुपये की ऋण माफी से प्रदेश में कृषि सुधार का अभियान प्रारम्भ किया गया। प्रदेश में वर्ष 2016-17 तक 557 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का उत्पादन होता था। गत वर्ष प्रदेश में 668 लाख मीट्रिक टन से अधिक खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है। खाद्यान्न उत्पादन में 20 प्रतिशत बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। ऋण मोचन योजना से लेकर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना तक प्रत्येक क्षेत्र में किसानों को डी0बी0टी0 के माध्यम से धनराशि भेजी जाती है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत 02 करोड़ 62 लाख से अधिक किसानों के खाते में 80,000 करोड़ रुपये की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से भेजी गई है।

प्रदेश में सिंचाई की क्षमता में व्यापक बढ़ोत्तरी हुई है। यह वही प्रदेश है जहां वर्षों से सिंचाई परियोजनाएं लम्बित थी। इसमें अर्जुन सहायक, बाणसागर, सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना आदि सम्मिलित थीं। विगत 08 वर्षों में प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का सहयोग लेकर इन सभी लम्बित परियोजनाओं को पूर्ण किया। प्रदेश के अन्नदाता किसानों को लगभग 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा प्राप्त हुई। प्रदेश में कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित किए गए। कृषि विश्वविद्यालयों का उन्नयन किया गया। एक नए कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना तथा 20 नए कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित करने की दिशा में कार्य प्रारम्भ किया गया। किसानों को आधुनिक तकनीकी तथा अच्छे बीजों से जोड़ा गया। परिणामस्वरुप धान, गेहूं, दलहन, तिलहन तथा श्रीअन्न के उत्पादन में प्रदेश स्पीड के साथ बढ़ता हुआ आगे दिखाई दिया। 
 
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में चीनी उद्योग बंदी की कगार पर था। चीनी मिलों पर गन्ना किसानों के हजारों करोड़ रुपये बकाया थे। वर्ष 2017 के पश्चात प्रदेश सरकार ने बंद चीनी मिलों को पुनः प्रारम्भ किया। इस दौरान प्रदेश में तीन नई चीनी मिलों की स्थापना की गई। 06 चीनी मिलों के पुनः संचालन का कार्य किया गया। 38 चीनी मिलों का विस्तार किया गया। वर्तमान में प्रदेश में 122 चीनी मिलें क्रियाशील हैं। वर्ष 2017 से अब तक गन्ना किसानों को 2,80,000 करोड़ रुपये से अधिक के गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। प्रदेश सरकार ने एथेनॉल के नए प्लाण्ट लगाए। वर्ष 2017 तक प्रदेश में केवल 42 करोड़ लीटर एथेनॉल उत्पादन होता था। वर्तमान में प्रदेश में 177 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन होता है। राज्य गन्ना, खाद्यान्न, फल तथा सब्जी के उत्पादन में प्रथम स्थान पर पुनः स्थापित हुआ है। अन्नदाता किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन देखने को मिला है। 

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पी0एम0 कुसुम योजना के अन्तर्गत सोलर पैनल लगाकर प्रदेश के लगभग 86,000 किसानों को लाभान्वित किया गया है। 14 लाख निजी नलकूपों को निःशुल्क विद्युत की व्यवस्था देकर किसानों की आमदनी बढ़ाने का काम किया गया है। वर्ष 2012 से वर्ष 2017 तक प्रदेश में प्रोक्योरमेंट केंद्रों की व्यवस्था नहीं थी। बिचौलियों के माध्यम से कार्य किया जाता था। इस अवधि में गेहूं के क्रय पर 12,808 करोड़ रुपये व्यय किए गए थे। वर्ष 2017 से वर्ष 2023-24 तक प्रदेश सरकार द्वारा गेहूं खरीद पर इससे लगभग साढ़े तीन गुना अधिक धनराशि 43,424 करोड़ रुपये खर्च की गई। वर्ष 2012 से 2017 के बीच धान के क्रय पर 17,190 करोड़ रुपये धनराशि खर्च की गई। वर्ष 2017 से वर्ष 2024 के बीच प्रदेश सरकार द्वारा धान के क्रय पर 88,746 करोड़ रुपये धनराशि खर्च की गई।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में 32 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को बाढ़ से बचाने में सफलता प्राप्त हुई है। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत प्रत्येक अन्नदाता किसान, उसके परिवार के सदस्यों तथा बटाईदार को 05 लाख रुपये सुरक्षा बीमा का कवर प्रदान किया गया है। बाढ़, आकाशीय बिजली, किसी अन्य दुर्घटना तथा मानव-वन्यजीव संघर्ष में मृत्यु होने पर बीमा कवर की यह धनराशि प्रदान की जाती है। वर्तमान में इस योजना से प्रदेश के सभी किसानों को आच्छादित किया गया है। 
 प्रदेश सरकार को निराश्रित गोवंश की समस्या का समाधान करने में भी सफलता प्राप्त हुई है। 7,700 से अधिक गो आश्रय स्थलों के माध्यम से 12,50,000 से अधिक गोवंश का संरक्षण किया जा रहा है। सहभागिता योजना के माध्यम से 01 लाख 05 हजार पशुपालकों को 01 लाख 63 हजार से अधिक गोवंश सुपुर्द किए गए हैं। अन्नदाता किसानों को प्रतिमाह प्रति गोवंश 1,500 रुपये का भुगतान किया जाता है। कुपोषित परिवारों को भी 10,000 गोवंश देने का काम किया गया है। 

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश की कानून व्यवस्था अत्यन्त दयनीय थी। प्रत्येक दूसरे तीसरे दिन एक दंगा होता था। प्रदेश सरकार ने कानून व्यवस्था को मजबूत करने में एक लम्बी छलांग लगाई है। प्रयागराज महाकुम्भ इसका उदाहरण है। 45 दिनों के इस महा आयोजन में छेड़छाड़, लूटपाट तथा अपहरण आदि की कोई घटना नहीं हुई। प्रदेश सरकार ने विगत 08 वर्षों में उत्तर प्रदेश पुलिस बल को एक व्यवस्था के साथ जोड़ने का काम किया है। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में डेढ़ लाख पुलिस कार्मिकों के पद रिक्त थे। वर्ष 2017 के पश्चात प्रदेश में पहली बार पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से 1,56,000 से अधिक पुलिस कार्मिकों की भर्ती की गई। अभी हाल ही में 60,200 से अधिक नए पुलिस कार्मिकों की भर्ती की गई है। इन्हें कुछ ही दिनों में प्रशिक्षण की व्यवस्था से जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा। अर्थात वर्ष 2017 के पश्चात उत्तर प्रदेश पुलिस बल में 2,16,000 से अधिक पुलिस कार्मिक भर्ती हुए हैं। 
 
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश के 10 जनपदों में पुलिस लाइन की व्यवस्था नहीं थी। पुलिस बैरकों की स्थिति अत्यंत खराब थी। मात्र 6,000 पुलिस कार्मिकों की ट्रेनिंग की व्यवस्था थी। जिन जनपदों में पुलिस लाइनें नहीं थी, उनमें से कुछ जनपदों में पुलिस लाइनों का निर्माण किया जा चुका है। कुछ जनपदों में पुलिस लाइनें निर्माणाधीन हैं। प्रत्येक जनपद व थाने में अवस्थापना सुविधाओं में वृद्धि के लिए बैरकों का निर्माण किया गया। पुलिस कार्मिकों की ट्रेनिंग क्षमता में कई गुना विस्तार किया गया। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जो 60,200 से अधिक पुलिस कार्मिकों की प्रदेश में एक साथ ट्रेनिंग की व्यवस्था करेगा। 

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व दंगाइयों का काल समझी जाने वाली पी0ए0सी0 की 54 कम्पनियों को समाप्त कर दिया गया था। वर्ष 2017 के पश्चात प्रदेश सरकार ने इन सभी कम्पनियों को पुनः बहाल किया। तीन नई महिला बटालियन का गठन किया गया। प्रदेश में अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर भी पी0ए0सी0 की पांच नयी बटालियन के गठन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। एयरपोर्ट, मेट्रो तथा अन्य संस्थाओं की सुरक्षा के लिए स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स की 06 वाहिनियों का गठन किया गया। प्रदेश के सभी जनपदों में साइबर थानों की स्थापना की गई। हर थाने में एक साइबर हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई। 

पी0आर0वी0 112 के रिस्पाँस टाइम को कम करते हुए 07 मिनट 24 सेकण्ड कर दिया गया है। अब आमजन को पुलिस की सहायता शीघ्र प्राप्त होती है। प्रदेश के गृह विभाग, नगर विकास विभाग तथा जन सामान्य की सहायता से 11 लाख से अधिक सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाए गए हैं। उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्भया काण्ड के पश्चात देश में सेफ सिटी की परिकल्पना को लेकर एक व्यवस्था की गई थी। सी0सी0टी0वी0 कैमरों के माध्यम से इस व्यवस्था को लागू करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों के साथ-साथ गौतम बुद्ध नगर को भी सी0सी0टी0वी0 से आच्छादित करने का काम किया गया है। 

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसी भी समाज में नारी की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन का कार्य सम्पूर्ण समाज के स्वावलम्बन का आधार बनता है। प्रधानमंत्री जी ने नारी सशक्तिकरण हेतु नारी शक्ति वन्दन अधिनियम देश की संसद में पारित किया। अभी हाल ही में सम्पन्न की गई पुलिस भर्ती में 12,000 से अधिक महिला कार्मिकों की भर्ती की गई है। इसके पूर्व सम्पन्न की गई पुलिस भर्ती के माध्यम से 25,000 से अधिक महिला कार्मिकों की भर्ती की गई थी। वर्ष 2017 के पूर्व प्रदेश में महिला वर्क फोर्स 13-14 फीसदी के आसपास था। आज यह बढ़कर 35 प्रतिशत से अधिक हो गया है। प्रदेश में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अन्तर्गत 60 लाख माताएं लाभान्वित हो रही हैं। प्रदेश की सभी 57,000 ग्राम पंचायतों में बैंकिंग सुविधा हेतु बी0सी0 सखी अपना योगदान दे रही हैं। महिला स्वयं सेवी समूहों के अन्तर्गत लगभग 01 करोड़ बहनें अपना योगदान देकर आर्थिक स्वावलम्बन की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत 04 लाख 76 हजार से अधिक सामूहिक विवाह सम्पन्न हुए हैं। इस बार के बजट में प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना के अन्तर्गत दी जाने वाली सहायता राशि को 51,000 रुपये से बढ़ाकर आगामी अप्रैल से एक लाख रुपये करने की घोषणा की गई है। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत 95 लाख से अधिक महिलाओं को स्वावलंबन से जोड़ने का कार्य किया गया है। पी0एम0 स्वनिधि योजना के अन्तर्गत 02 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। स्वामित्व योजना के अन्तर्गत एक करोड़ महिलाओं को जहां उनका मकान है, वहीं पर मालिकाना अधिकार देने का काम किया गया है। प्रदेश में सर्वाधिक घरौनी उपलब्ध कराने का कार्य किया गया है। इस बार के बजट में प्रदेश के सात जनपदों वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, कानपुर, झांसी, आगरा तथा गोरखपुर में कामकाजी महिलाओं के लिए लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर छात्रावासों के निर्माण की कार्रवाई को भी आगे बढ़ाया गया है। 

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज प्रदेशवासी स्वयं को गर्व से उत्तर प्रदेश का निवासी बताते हैं। नए भारत का नया उत्तर प्रदेश अपनी युवा शक्ति के बल पर आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2016-17 में प्रदेश की बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत से अधिक थी। आज यह दर घटकर मात्र 03 प्रतिशत रह गई है। उत्तर प्रदेश ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ चलाने वाला पहला राज्य है। इस योजना के माध्यम से परम्परागत उद्यम को प्रोत्साहित करने का काम किया गया है। इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश का निर्यात 86,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 02 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। प्रदेश में अब तक युवाओं को 08 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां प्रदान की गई है। 02 करोड़ से अधिक युवा एम0एस0एम0ई0 सेक्टर में रोजगार से जुड़े हुए हैं। प्रदेश में हो रहे निवेश के माध्यम से बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार प्राप्त हुआ है। 

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में अब तक 50 लाख से अधिक युवाओं को डिजिटली सक्षम बनाया गया है। युवाओं को टैबलेट/स्मार्टफोन देकर इस दिशा में आगे बढ़ाने का काम किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में 96 लाख एम0एस0एम0ई0 इकाइयां हैं। हस्तशिल्पयों तथा कारीगरों के कल्याण के लिए ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ जैसी योजना चलाई जा रही है। इसके अन्तर्गत लाखों हस्तशिल्पियों तथा कारीगरों को प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ-साथ टूलकिट व सस्ता ऋण आदि उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया गया है। 

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान अब तक की बहुत लोकप्रिय स्कीम होने जा रही है। इसके अन्तर्गत आगामी 31 मार्च तक 01 लाख नए युवा उद्यमी बनाए जाने का लक्ष्य प्रदेश सरकार ने तय किया है। प्रथम चरण में इसमें 05 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण देने के साथ ही, 10 प्रतिशत मार्जिन मनी भी दी जाएगी। 

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले प्रदेश में लोग शिक्षा के क्षेत्र में नकल को जन्मसिद्ध अधिकार मानते थे। आज यहां नकल विहीन परीक्षाएं सम्पन्न हो रही हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल बंदी की कगार पर थे। आज उनमें 50 लाख से अधिक बच्चों की बढ़ोत्तरी हुई है। उन सभी बच्चों को दो यूनिफॉर्म, बैग, बुक्स, जूते और मोजे तथा स्वेटर के लिए 1200-1200 रुपये सरकार डी0बी0टी0 के माध्यम से उपलब्ध करा रही है। सभी विद्यालयों को बालक व बालिकाओं के लिए टॉयलेट, पेयजल, डिजिटल लाइब्रेरी, अच्छी फ्लोरिंग से आच्छादित करने में सफलता प्राप्त हुई है। माध्यमिक स्कूलों के जर्जर भवनों के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार ने प्रोजेक्ट अलंकार की शुरुआत की है। 
 
प्रदेश की हर कमिश्नरी में एक-एक राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना की दिशा में कार्य किए गए हैं। 06 कमिश्नरी में कोई राज्य विश्वविद्यालय नहीं था। उनमें विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य को भी प्रदेश सरकार ने आगे बढ़ाया है। पहली बार मेडिकल यूनिवर्सिटी, आयुष विश्वविद्यालय तथा एक नए एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय की स्थापना के कार्यक्रम आज प्रदेश में देखने को मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में संस्कृति विश्वविद्यालय भी स्थापित हो चुका है। प्रदेश ने 10 नए विश्वविद्यालय तथा 21 निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालय की स्थापना में भी सफलता प्राप्त की है। वर्तमान में युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रत्येक जनपद में मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग संचालित है। प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति के सभी छात्रों को स्कॉलरशिप उपलब्ध कराई जा रही है। वर्ष 2017 तक अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को मात्र 1,200 करोड़़ रुपये की छात्रवृत्ति मिलती थी, आज यह बढ़कर 2,500 करोड़़ रुपये हुई है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गरीब कल्याण के लिए उत्तर प्रदेश में डबल इंजन सरकार ने एक लंबी छलांग लगाई है। विगत 08 वर्षों में प्रदेश में 06 करोड़़ से अधिक लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने में मदद मिली है। विगत 05 वर्षों से प्रदेश के 15 करोड़़ लोगों को निःशुल्क राशन का लाभ दिया जा रहा है। उज्ज्वला योजना के तहत एक करोड़़ 86 लाख रसोई गैस के निःशुल्क कनेक्शन दिए गए हैं। इन लाभार्थियों को होली व दीपावली के अवसर पर एक-एक रसोई गैस का सिलेण्डर निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के 02 करोड़़ 62 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत केन्द्र सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 6,000 रुपये की धनराशि से लाभान्वित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में 09 करोड़़ से अधिक लोगों को गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराकर प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-आयुष्मान भारत से आच्छादित किया गया है। 56 लाख लोगों को एक-एक आवास उपलब्ध कराए गए हैं। उत्तर प्रदेश इन सभी योजनाओं में देश में प्रथम स्थान पर है।
 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 के पहले 55 लाख लोगों को निराश्रित महिला, वृद्धावस्था तथा दिव्यांगजन पेंशन दी जाती थी। आज यह संख्या बढ़कर 01 करोड़़ 06 लाख हुई है। वर्ष 2017 के पहले पेंशन के रूप में प्रतिमाह मात्र 300 रुपये दिए जाते थे। आज 1000 रुपये प्रतिमाह डी0बी0टी0 के माध्यम से पेंशन के रूप में दिए जा रहे हैं। डी0बी0टी0 के माध्यम से लाभार्थियों तक सीधे धनराशि पहुंचने में भी उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। वर्ष 2024-25 में 09 करोड़़ 08 लाख से अधिक लोगों को 01 लाख 10 हजार करोड़़ रुपये से अधिक का भुगतान डी0बी0टी0 के माध्यम से किया गया है। इसके माध्यम से प्रदेश सरकार को 10 हजार करोड़़ रुपये की बचत भी हुई है। उत्तर प्रदेश देश की सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। प्रदेश सरकार जीरो पॉवर्टी के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में समर्पित होकर कार्य कर रही है। पहली अप्रैल से प्रारम्भ हो रहे नए वित्तीय वर्ष में हम इस योजना को लॉन्च करने जा रहे हैं।