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महाकुंभ: योगी के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता "नंदी" ने 49 दिन में 22 बार किया संगम में स्नान, सोशल मीडिया पर कहला रहे हैं डुबकी मंत्री...

महाकुंभ: योगी के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता "नंदी" ने 49 दिन में 22 बार किया संगम में स्नान, सोशल मीडिया पर कहला रहे हैं डुबकी मंत्री...

Prayagraj In Mahakumbh 2025: यूपी की योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने महाकुंभ के समापन के बाद एक बार फिर से आस्था की डुबकी लगाई है। भाजपा परिवार के सदस्यों के साथ संगम में आस्था की डुबकी लगाई है। शहर दक्षिणी विधानसभा के भाजपा पदाधिकारी ने संगम क्षेत्र में रात्रि प्रवास किया। मंत्री नंदी ने कहा महाकुंभ ने देश और दुनिया को सनातन धर्म, संस्कृति और सभ्यता से रूबरू कराया है।

मंत्री नंदी ने नंदी सेवा संस्थान शिविर में बीजेपी के सेक्टर संयोजकों, मंडल अध्यक्षों और पदाधिकारियों को रात्रि भोजन के लिए आमंत्रित किया। इससे पहले मंत्री नंदी पवित्र त्रिवेणी संगम में 21 बार से ज्यादा बार आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। मंत्री नंदी 13 जनवरी से अब तक 22 बार संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। देश और दुनिया से आए 54 से अधिक वीवीआईपी मेहमानों का संगम तट पर स्वागत कर चुके हैं।

उन्होंने राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के साथ ही कई राज्यों के मुख्यमंत्री, गवर्नर और विशिष्ट अतिथियों का महाकुंभ में स्वागत किया। 50 दिन से कम के समय में 22 बार संगम स्नान करने की वजह से सोशल मीडिया पर उन्हें डुबकी मंत्री भी कहा जा रहा है। मंत्री नन्दी ने इस मौके पर भी कहा कि महाकुंभ ने देश और दुनिया को सनातन धर्म, संस्कृति और सभ्यता से परिचित कराया है।

क्या बोले कैबिनेट मंत्री नंदी

योगी के मंत्री ने कहा कि सनातन धर्म की वैभवशाली इतिहास शक्ति को भी दिखाया है। विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुमूल्य मार्गदर्शन और उत्तर प्रदेश के कर्मयोगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व द्वारा ही संभव हो पाया है।

उन्होंने कहा कि संगम नगरी प्रयागराज में करोड़ों सनातनियों के पहुंचने से एक भारत-श्रेष्ठ भारत का चिरस्मरणीय दृश्य और करोड़ों देशवासियों में आत्मविश्वास के साक्षात्कार का महापर्व बन गया। अब इसी तरह हम सभी को एक होकर विकसित भारत के महायज्ञ के लिए जुट जाना है। महाकुंभ सकुशल संपन्न हुआ और विश्व के लिए मिसाल बना। यह दौर भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पुनर्जागरण का दौर है।