छुट्टी पर घर आए एनएसजी कमांडो को जबरन थाने ले जाकर पुलिसकर्मियों ने की बेरहमी से पिटाई, सीसीटीवी को भी किया बंद...
बिहार पटना ब्यूरो। भागलपुर जिला के जोगसर थाना से प्रकाश में आया है। जहां देश के सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा एजेंसी एनएसजी के कमांडो की थाने में पुलिस अधिकारियों और कर्मियों ने बेरहमी से पिटाई की है। कमांडो अपने बेटे की जन्म को लेकर छुट्टी लेकर घर आया था, इसी दौरान पुलिसकर्मियों के छोटी सी बात पर उसकी बहस हो गई। जिसके बात अधिकारियों ने सिर्फ उसकी बीच सड़क पिटाई की, बल्कि जबरन थाने लेकर गए। जहां सीसीटीवी बंद कर सात पुलिसकर्मियों और ऑफिसर ने मिलकर उसकी पिटाई की। इस दौरान कमांडो की बात तक सुनने की जरुरत नहीं समझी गई।
बताया जा रहा है कि दिल्ली एनएसजी में कमांडो के पद पर नियुक्त है वो अपनी अर्धांगिनी पत्नी जिनका ऑपरेशन हुआ है और उनसे कमांडो को एक लक्ष्मी-धन अर्थात् पुत्री-रत्न की प्राप्ति हुई। उस पुत्री का छठा दिन पुत्री का छठ्ठी का आयोजन होना था। इसी आयोजन को मनाने के लिए अपने बच्चे के लिए नागर मोल में खरीददारी करने के लिए अपने कार से गये थे और कमांडो ने अपने कार को सङक किनारे करके लगा दिया और मॉल में कपड़े खरीदने चला गया। कपड़े खरीद कर काउन्टर पर बिल कटा लिया और बगल से गाङी देखा तो दूसरा कोई कार आ रहा था।
इस पर कमांडो नवयुवक को लगा कि कहीं सड़क जाम तो नहीं हो जाएगी इसको लेकर नवयुवक उस दूसरी गाङी को सड़क पर जाकर पास करवाने का प्रयास करने लगा। तभी वहां जोगसर थाना का पुलिस गाड़ी वहां पहुंची और कार वाले को पास करवाने लगा। वहींं बगल में एन एस जी कमांडो की खड़ी गाड़ी के विषय में जब पुलिस ने पूछा तो नवयुवक कमांडो के द्वारा पुलिस के गलत और उग्र व्यवहार को देखते कुछ भी नहीं बताया गया और पुलिस से परहेज करने लगा।
जब पुलिस ने कमांडो के गाङी का चालान काटने की बात कही तो नवयुवक कमांडो ने कोई उपाय नही देखने पर अपने गाङी का नंबर के आगे आकर खड़ा हो गया और जब पुलिस ने हटने बोला तब नवयुवक कमांडो द्वारा बताया गया कि साहब यह मेरी गाड़ी है और तभी रंजन कुमार सिपाही पुलिस गाड़ी से उतर कर नवयुवक एनएसजी कमांडो को एक थप्पड़ चेहरे पर जड़ दिया। जब कमांडो द्वारा पूछा गया कि आपको थप्पड़ मारने का अधिकार किसने दिया तो जोगसर आदमपुर भागलपुर पुलिस कमांडो पर ओर अधिक आक्रामक हो गया।
लगातार कई थप्पड़ मारने पर कमांडो द्वारा पुलिस को बताया गया कि हम भी सेन्ट्रल के सरकारी कर्मी जवान हैं तो पुलिस अधिकारी द्वारा उनको अपना आई कार्ड दिखाने को बोलने लगा और पुनः लगातार मारपीट करती रही। जब कमांडो द्वारा बार-बार बोला गया कि हम एनएसजी कमाडो हैं तो उसके बाद पुलिस बोलने लगे कि हम तुमको यहां अभी एनएसजी कमांडो बनाते हैं। बार बार मार खाने के कारण कमांडो के द्वारा बताया गया कि- मेरे मुंह से कुछ अपशब्द निकल गए होंगे।
तभी वॅहा मौजूद पुलिस अधिकारी द्वारा बोला गया कि इस कमांडो को थाना ले चलो और वहां थाने मे इसको कमांडो बनाते हैं। कमांडो को पुलिस ने पकड़ने का प्रयास किया गया तभी कमांडो ने पुलिस के हाथ को झटक दिया तो वॅहा मौजूद अधिकारी नीचे गिर गए संभवतः वहां उनको भी चोट लग गई है। कमांडो ने बताया कि- मुझे पकड़ कर आठ घंटे तक जोगसर थाना में रखा गया। उस दौरान मुझे थाना मे लगे सीसीटीवी कैमरे से दूर ले जाया गया और वहां सात-सात पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के द्वारा बुरी तरह से अंदरूनी मारपीट किया गया जिसका ज़ख्म शरीर पर मौजूद है।
साथ ही साथ कमांडो ने बताया कि- हमने सभी पुलिस से बहुत आरजू मिन्नत किए कि मुझे छोड़ दो साहब लेकिन मेरी एक ने नहीं सुनी वो बोले कि- सर जी हम अकेले थे वो लोग अपनी पूरी टीम के साथ थे, क्या हम अकेले उन सब पुलिसवाले को मार सकते थे क्या। साथ ही साथ कमांडो ने बताया कि पुलिस की गुंडागर्दी वहां के स्थानीय सीसीटीवी केमरे में देख लीजिए। यदि मेरी गलती होगी तो जो भी सजा मिलेगी हम तैयार हैं पर यहॉ सोचने वाली बात यह है कि क्या पुलिस के इस खोफनाक रूप को देखकर क्या स्थानीय लोग सीसीटीवी के फुटेज को देगें ये तो समय बताएगा।बता दें कि यह कोई जोगसर थाना की पहली घटना नहीं है।
इसके पूर्व भी थाना के पुलिस अधिकारियों द्वारा आवेदन में नामजद नहीं होने के बाद भी कई पत्रकारों को झूठे केस मे अप्राथमिक अभियुक्त बना दिया है जिसमे पत्रकार पर झूठा निराधार आरोप लगा कर देश के चौथे स्तम्भ को डराने एवं भय व्याप्त करने का काम करते आ रही है। जोगसर पुलिस चाहती है कि पुलिस के गलत हरकत को जनता के सामने नही लाया जाय। पत्रकारों का दावा है कि सच और गलत का सारा घटना केके नर्सिंग होम लगे सीसीटीवी केमरे में रिकार्ड है। इस केमरे के फुटेज को पुलिस के वरीय अधिकारी द्वारा अवलोकन कर लिया जाय ताकि दूध का दूध और पानी का पानी साबित हो जाएगा।
ऐेसे कई घटनायें हैं जिसमें पुलिस संविधान के दिए गए शक्ति को मिस-यूज करते दिख जाएंगे। कुछ माह पूर्व गोराडीह पुलिस थाना के अधिकारी द्वारा कुछ अभियुक्त को गुप्तांग में पेट्रोल डाल देने का मामला प्रकाश में आया था। कुछ साल पूर्व आप जाएंगे तो माँ शक्ति फ्यूल सेंटर के मैनेजर से वायपास थाना के समीप कई लाख रुपए लूट लिया गया था उस दरमियान भी लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी और पुलिस अधिकारी द्वारा पम्प मालिक को ही गिरफ्तार कर मालिक को ही सारा पैसे का इंतजाम करने को दबाब दिया जा रहा था. ऐसी-ऐसी कितनी घटनायें भागलपुर कर्ण प्रदेश के गर्भ में समा गई हैं।