धोनी को ऐसा आईपीएल खेलने का क्या फायदा, मैच खत्म हो गया तब दिखाया जलवा...
एमएस धोनी, एक ऐसा नाम, जो क्रिकेट की दुनिया में काफी जाना पहचाना है। लेकिन सीएसके बनाम आरसीबी मैच में धोनी ने जो किया, उसकी उम्मीद शायद उनके फैंस को भी नहीं थी। जब टीम पर संकट के बादल मंडरा रहे थे, टीम को उनकी जरूरत थी, उसके बाद भी वे बल्लेबाजी के लिए काफी देर से आए। सही मायने में कहें तो महेंद्र सिंह धोनी तब बैटिंग के लिए मैदान में उतरे, जब मैच खत्म हो गया। यहां तक के एक गेंदबाज के तौर पर खेलने वाले रविचंद्रन अश्विन भी उनसे पहले बल्लेबाजी के लिए आ गए। इससे धोनी के फैंस काफी निराश जरूर हुए होंगे।
आरसीबी ने चेन्नई में सीएसके को 17 साल बाद हराया
रजत पाटीदार की कप्तानी में आरसीबी ने 17 साल बाद सीएसके को चेन्नई के मैदान पर हराया है। साल 2008 में जब पहली बार आईपीएल खेला गया था, तब चेन्नई में आरसीबी ने सीएसके को हराया था। उसके बाद आरसीबी के लिए हार का सूखा खत्म हो ही नहीं रहा था, लेकिन अब हो गया है। आरसीबी ने चेन्नई को पूरे 50 रन से हरा दिया। हार जीत तो मैच में लगी ही रहती है, लेकिन धोनी ने जो किया, उसकी चर्चा इस वक्त सबसे ज्यादा हो रही है। एमएस धोनी इस मैच में नौवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए। जबकि इस तरह की कोई खबर नहीं है कि धोनी फिट नहीं हैं। इसी मैच में धोनी ने पूरे 20 ओवर की कीपिंग की और फिल साल्ट को फुर्ती दिखाते हुए स्टंप आउट भी किया।
सीएसके से चेज नहीं हुआ 197 रनों का भी लक्ष्य
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट के नुकसान पर 196 रन बनाए थे। यानी चेन्नई को अपने होम ग्राउंड पर जीत के लिए 197 रन बनाने थे। जिस टीम के पास इतनी लंबी बैटिंग लाइनअप हो, उसके लिए ये कोई मुश्किल काम नहीं था। लेकिन जोश हेजलवुड ने जल्दी जल्दी दो झटके सीएसके को दिए। पहले उन्होंने राहुल त्रिपाठी को 5 रन पर आउट कर दिया, इसके बाद तीन नंबर पर आए कप्तान रुतुराज गायकवाड तो चार बॉल पर अपना खाता भी नहीं खोल पाए।
धोनी से पहले बल्लेबाजी के लिए आए रविचंद्रन अश्विन
सीएसके के 6 विकेट 80 रन पर जा चुके थे। यही वो वक्त था, जब उम्मीद की जा रही थी कि एमएस धोनी बल्लेबाजी के लिए आए और मैच बनाने की कोशिश तो जरूर करेंगे, लेकिन उस वक्त हर कोई चौंक गया, जब रविचंद्रन अश्विन बल्लेबाजी के आ गए और धोनी ड्रेसिंग रूप में ही बैठे रहे। अश्विन ने आठ बॉल पर 11 रन की एक छोटी सी पारी खेली। जब 99 रन पर टीम के सात विकेट गिर गए और मैच सीएसके हार रही थी, तब धोनी बल्लेबाजी के लिए आए।
आखिरी ओवर में लगाए दो छक्के और एक चौका
धोनी ने आने के बाद भी कुछ आक्रामक और तूफानी स्ट्रोक नहीं खेले, यानी ऐसा लगा कि वे मान चुके हैं कि अब टीम हार गई है। धोनी अपना जलवा मैच के आखिरी ओवर में दिखाया, जब उन्होंने क्रूणाल पांड्या के ओवर में दो छक्के और एक चौका लगाया। लेकिन तब तक कुछ हो नहीं सकता था। धोनी ने 16 बॉल पर 30 रन की पारी जरूर खेली, लेकिन वो किसी भी काम की नहीं थी।
क्या? खुद धोनी का ही था ये फैसला
आज की तारीख में भले ही सीएसके के कप्तान एमएस धोनी ना हो, ये जिम्मेदारी अब रुतुराज गायकवाड के पास है, लेकिन ये मान पाना किसी के लिए भी असंभव है कि धोनी कप्तान के कहने पर नौवें नंबर पर आए होंगे। ये फैसला खुद धोनी ने ही लिया होगा। टीम का सबसे बड़ा मैच विनर ही जब नौवें नंबर पर आए तो टीम जीतेगी कैसे। आने वाले वक्त में टीम मैनेजमेंट को जरूर धोनी के बैटिंग आर्डर को लेकर नए सिरे से सोच विचार करना होगा।