UP में आज शाम होली की खुशियां मातम में बदली, रंग खेलने के बाद पति-पत्नी की दर्दनाक मौत, मची चीख-पुकार...
ब्यूरो, गढ़मुक्तेश्वर। नगर के छोटा बाजार में शुक्रवार शाम गैस का गीजर चलाकर बाथरूम में रंग छुड़ाने गए दपंति की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना के बाद स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। परिजनों ने बिना पुलिस कार्रवाई के शाम के समय दोनों का गंगा तट पर अंतिम संस्कार कर दिया।
नगर में रहने वाले नवीन गुप्ता उम्र करीब 43 वर्ष तहसील में स्टांप विक्रेता के रूप में कार्य करते थे। शुक्रवार को वह होली खेलने के उपरांत करीब 3:30 बजे पत्नी कविता उर्फ साक्षी गुप्ता 38 के साथ बाथरूम में रंग छुड़ाने चले गए। स्वजन के अनुसार वहां उन्होंने गैस का गीजर चला दिया।
दरवाजा तोड़ा तो दोनों बेहोश पड़े मिले
इस दौरान अचानक गैस गीजर से रिसाव शुरू हाे गया। इससे वह बेहोशी की हालत में हो गए। काफी देर तक भी जब दोनों बाहर नहीं निकले तो मां बाला देवी ने आवाज लगाई, लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई। इसके बाद उन्होंने कई बार दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। अंदर से कोई आवाज नहीं आने पर परेशान वृद्ध मां ने शोर मचाया तो मोहल्ले के लोग वहां पहुंच गए तथा बाथरूम के दरवाजे को तोड़कर देखा तो दोनों अंदर बेहोश पड़े हुए थे।
दोनों को डॉक्टरों ने मृत घोषित किया
आनन फानन में मोहल्ले के लोग उनको कार में डालकर नगर के एक अस्पताल ले गए, जहां कविता को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि नवीन गुप्ता की गंभीर हालत को देखते हुए उनको मेरठ के लिए रेफर कर दिया गया। मेरठ पहुंचने पर चिकित्सकों ने नवीन गुप्ता को भी मृत घोषित कर दिया। इस दुखद घटना की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। होली का उत्साह चंद समय में ही शोक में बदल गया।
एक साथ उठी अर्थी तो मच गई चीत्कार
स्वजन के अनुसार दोनों का अपनी पसंद से विवाह हुआ था। शादी के बाद दोनों को दो बेटे दिव्यम 15 वर्ष तथा माधव नौ वर्ष है।चंद मिनटों में ही हुई दर्दनाक घटना के बाद वहां शोक पसर गया। शाम के समय जब दोनों की एक साथ अर्थी निकली तो हर किसी की आंख नम हो गई। वहीं स्वजन का रो- रोकर बुरा हाल हो गया।भारी गम भरे माहौल के बीच देर शाम गंगा तट पर दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
गैस गीजर से दम घुटने की संभावना
स्वजन एवं अन्य लोगों के बीच दोनों की मौत की वजह गीजर चलाने के दौरान एलपीजी गैस का रिसाव मुख्य कारण माना जा रहा है। इस संबंध में सीएचसी प्रभारी डाक्टर आनंद मणि ने बताया कि बाथरूम में गीजर एवं सिलेंडर अंदर की तरफ कभी नहीं लगाना चाहिए। यदि गैस सिलेंडर अथवा गीजर अंदर लगा होगा तो वह कई बार आक्सीजन की सप्लाई को बंद करके एलपीजी की सप्लाई शुरू कर देता है। इससे दम घुटने के कारण मौत हो जाती है।
अधिवक्ताओं ने जताया शोक
इस घटना के बाद तहसील एवं कचहरी में कार्यरत अधिवक्ताओं, स्टांप विक्रेताओं एवं अन्य कार्य करने वाले लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर परमपिता से प्रार्थना की। इसके बाद मृतक के घर जाकर शोक जताते हुए स्वजन को सांत्वना दी। इस दौरान बार अध्यक्ष नरेश गिल, रामरतन सिंह, सचिव जितेंद्र भाटी, चंद्रपाल सिंह सहित अन्य अधिवक्ता एवं अन्य लोग मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त भाकियू संघर्ष में भी वह प्रदेश सचिव के पद पर कार्यरत थे। भाकियू संघर्ष अराजनैतिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरनजीत गुर्जर ने भी इस दुख की घड़ी में शोक जताया है।
एक साथ सजी चिता
दोनों की अर्थी एक साथ तीर्थ नगरी ब्रजघाट स्थित गंगा तट पर पहुंची। इस दौरान स्वजन ने दोनों की चिता एक साथ सजाई तथा एक ही चिता पर उनका अंतिम संस्कार किया। इस दुखद घटना को जिसने भी देखा अपनी आंखों में आंसू नहीं रोक पाया।
क्या रखें सावधानी
* गीजर एवं गैस सिलेंडर को कभी भी बाथरूम के अंदर न रखे।
* वेंटिलेसन होने के बाद भी यह कई बार घातक हो जाती है।
* काफी देर तक गीजर को खुला न रखे।
* गैस गीजर एवं सिलेंडर को बिजली बोर्ड से दूर रखे।