Varanasi news
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी में 50वां दौरा: विकास की नई इबारत, जनसंपर्क का ऐतिहासिक पड़ाव...
वाराणसी, 11 अप्रैल 2025 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का 50वां दौरा किया, जो किसी भी सांसद द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्र की अब तक की सबसे अधिक यात्राओं में से एक है। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री ने लगभग 3884.18 करोड़ रुपये की 44 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया।
अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने 19 परियोजनाओं का लोकार्पण (1629.13 करोड़ रुपये) और 25 परियोजनाओं का शिलान्यास (2255.05 करोड़ रुपये) किया। इन परियोजनाओं में प्रमुख रूप से शामिल हैं:
130 ग्रामीण पेयजल योजनाएं, जो स्वच्छ जल की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगी।
100 नए आंगनवाड़ी केंद्र व 356 पुस्तकालय, जो शिक्षा व पोषण के क्षेत्र में योगदान देंगे।
पिंडरा में नया पॉलिटेक्निक कॉलेज व सरकारी महाविद्यालय, जिससे युवाओं को तकनीकी शिक्षा सुलभ होगी।
652 करोड़ रुपये की एयरपोर्ट टनल योजना, जिससे बाबतपुर एयरपोर्ट से शहर के संपर्क में तेजी आएगी।
MSME यूनिटी मॉल, जो काशी के कारीगरों और लघु उद्योगों को नया बाजार उपलब्ध कराएगा।
वाराणसी रिंग रोड से सारनाथ को जोड़ने वाला पुल, जो पर्यटन और यातायात को प्रोत्साहन देगा।
जनसभा में मोदी का संबोधन: "काशी हमारी है, हम काशी के हैं"
प्रधानमंत्री ने सेवापुरी के मेहंदीगंज में आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “काशी में जो परिवर्तन हुआ है, वह भारत के नए आत्मविश्वास का प्रतीक है।” उन्होंने यह भी कहा कि 2014 से पहले वाराणसी की पहचान गंदगी, जाम और बदहाली से होती थी, आज यह देश-दुनिया के लिए विकास का आदर्श बन गई है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने तीन संस्थानों को GI टैग प्रमाणपत्र, 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान कार्ड, और उत्तर प्रदेश के लाखों दुग्ध उत्पादकों को 106 करोड़ रुपये का बोनस डिजिटल रूप से वितरित किया।
प्रधानमंत्री की यात्रा के मद्देनज़र पूरे शहर में 4000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। साथ ही, एंटी-ड्रोन सिस्टम एवं डॉग स्क्वायड जैसी हाई-टेक व्यवस्थाएं भी लगाई गईं थीं।
केसरी न्यूज़ नेटवर्क के चीफ एडिटर ए. के केसरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा केवल विकास परियोजनाओं का शुभारंभ नहीं था, बल्कि यह काशी और देश की जनता से उनके गहरे जुड़ाव का भी प्रतीक बना। 50वीं बार अपने क्षेत्र में पहुंचकर उन्होंने यह संदेश दिया कि नेता सिर्फ चुनावों में नहीं, जनसेवा में भी बार-बार लौटता है।
-