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गाजी मियां की दरगाह नहीं..यहां तो 5 हिंदुओं की समाधियां थीं? पुलिस के बयान से नया ट्विस्ट...

गाजी मियां की दरगाह नहीं..यहां तो 5 हिंदुओं की समाधियां थीं? पुलिस के बयान से नया ट्विस्ट...


उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गाजी मियां की दरगाह है। इस दरगाह की छत पर हिंदू संगठन के कुछ युवकों ने राम नवमी पर भगवा झंडा फहराया। इस घटना से शहर में तनाव का माहौल कायम हो गया। जिन युवाओं ने दरगाह पर भगवा झंडा फहराया था, उनका कहना था कि प्रयागराज हिंदुओं का एक पवित्र तीर्थ स्थल है।

ऐसे में प्रयागराज में गाजी की दरगाह नहीं होनी चाहिए. हालांकि, इस पूरे मामले में पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं. जिन लोगों ने दरगाह पर ऐसी हरकत की, अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं, पुलिस का कहना है कि यहां पहले 5 हिंदुओं की समाधियां थीं।

इस पूरे मामले में डीसीपी कुलदीप सिंह गुनावत ने अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि यहां पहले हिंदुओं की 5 मजारें (समाधियां) थीं. लेकिन बयान देते वक्त कुलदीप सिंह ने गाजी मियां का जिक्र नहीं किया. हालांकि, उन्होंने ये जरूर कहा कि अगर कोई भी कानून व्यवस्था को चुनौती देगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

डीसीपी के बयान के मायने क्या?

डीसीपी कुलदीप सिंह के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. क्या पुलिस खुद उक्त जगह को गाजी मियां की मजार नहीं मान रही है. क्योंकि डीसीपी कुलदीप सिंह ने इतने बड़े घटनाक्रम पर बयान देते वक्त ‘गाजी मियां की मजार’ शब्द का नाम तक नहीं लिया।

कहां है ये दरगाह?

प्रयागराज जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर पर सिकंदरा है. यहीं पर गाजी मियां की दरगाह है. राम नवमी के दिन मनेंद्र प्रताप सिंह नाम का युवक वहां पहुंचा. उसके साथ 20 और लोग भी थे, जिनके हाथों में भगवा झंडा था. ये लोग नारेबाजी कर रहे थे. इसी बीच, आपसास की दीवारों के सहारे कुछ युवक दरगाह की गुंबद पर चढ़ गए. नारेबाजी करते हुए युवकों ने दरगाह की छत से भगवा झंडा लहराया।

भगवा झंडा फहराने वाला मनेंद्र क्या बोला?

इस पूरे मामले पर मनेंद्र ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर अपनी प्रतिक्रिया दी. उसका कहना है कि सालार मसूद गाजी एक आक्रांता था. प्रयागराज एक तीर्थ स्थल है. यहां गाजी की दरगाह नहीं होनी चाहिए. इसे ध्वस्त करना चाहिए और फिर ये जगह हिंदुओं को दे देनी चाहिए।

इस मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि राम नवमी पर इलाके में जिन पुलिसकर्मियों की तैनाती थी, लापरवाही बरतने को लेकर उन पर विभाग एक्शन लेगा। ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि पुलिस कर्मियों पर तो अधिकारी एक्शन की बात कर रहे हैं, लेकिन जिन्होंने ऐसी हरकत (दरगाह पर भगवा झंडा फहराया) की, उनपर मौन क्यों हैं. मनेंद्र और उसके साथियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है।