चंदन बागान के मालिक थे IPS ओमप्रकाश, 2015 में बने थे DG, अब खून से लथपथ मिला उनका शव...
कर्नाटक में पूर्व DGP ओम प्रकाश का उनके ही आवास पर खून से लथपथ शव मिला है. पुलिस का दावा है कि यह वारदात उनकी पत्नी ने ही की है. फिलहाल उनकी पत्नी को हिरासत में ले लिया गया है. बताया ये भी जा रहा है कि पिछले कई दिनों से IPS ओम प्रकाश और पत्नी के बीच पारिवारिक कलह चल रही थी.इसे लेकर पत्नी मानसिक रूप से परेशान थी।
IPS ओमप्रकाश मूल रूप से बिहार के चंपारण जिले के रहने वाले थे, 1981 में यूपीएससी परीक्षा पास होने के बाद उन्हें कर्नाटक कैडर मिला था, उसके बाद से वह यहां विभिन्न जिलों में तैनात रहे और डीजी की पोस्ट तक पहुंचे, 2017 रिटायरमेंट के बाद वह बेंगलुरु के ही एचएसआर लेआउट स्थित आवास में रह रहे थे, जहां उनका शव मिला है।
जियोलॉजी से की थी M.sc, ASP से करियर की शुरुआत
कर्नाटक के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश की पहचान एक प्रतिष्ठित पुलिस अधिकारी के तौर पर भी थी. वह मूल रूप से बिहार के चंपारण जिले के पिपरासी गांव के रहने वाले थे. चंपारण में ही शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने बीएससी की और फिर फिर जियोलॉजी यानी भूविज्ञान से M.sc की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की 1981 में उनका चयन IPSके लिए हो गया. उन्हें कर्नाटक कैडर दिया गया, जहां पहली पोस्टिक ASP की मिली।
कर्नाटक के कई जिलों में रही तैनाती
IPS ओमप्रकाश को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के तौर पर पहली तैनाती बल्लारी जिला में मिली थी, अब जिले हरपनाहल्ली के नाम से जाना जाता है.इसके बाद उनका प्रमोशन हुआ और वह पुलिस अधीक्षक के तोर पर पहली बार शिवमोग्गा में तैनात हुए. फिर उत्तर कन्नड़ और चिकमंगलूर जैसे जिलों में भी एसपी के तौर पर सेवारत रहे।
2015 में बने DGP, CID में भी रहे
IPS ओमप्रकाश 2025 में डीजीपी बनाए गए थे. उससे पहले वह कई विभागों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे. मसलन उन्होंने अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं का भी काम देखा, होमगार्ड्स में भी रहे. इसके अलावा सिविल राइट्स इंफोर्समेंट और सीआईडी जैसे विभागों में वरिष्ठ पदों को संभाला.रिटायरमेंट के बाद वह कुछ दिन कर्नाटक के लोकायुक्त भी रहे।
चंदन बागान के मालिक थे
पूर्व डीजीपी ओमप्रकाश का उत्तर कन्नड़ के सूपा तालुका में चंदन का बागान भी था. उन्होंने 2011-12 में ही नागोडा गांव में जमीन खरीदी थी और यहां एक फॉर्म हाउस बनाया था. ओम प्रकाश अक्सर आराम करने के लिए फार्म हाउस जाते थे.यहां उन्होंने केले, कालीमिर्च औ साबूदाना भी फसलें भी उगाईं थीं.यहीं पर उन्होंने काली नदी के किनारे कई एकड़ जमीन भी ली थी, जहां पर वह रिसॉर्ट बनाना चाहते थे।