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UP Ka Mausam: यूपी में अगले दो दिनों तक इन जिलों में भारी बारिश के आसार, बिजली गिरने की आशंका, IMD का अलर्ट...

UP Ka Mausam: यूपी में अगले दो दिनों तक इन जिलों में भारी बारिश के आसार, बिजली गिरने की आशंका, IMD का अलर्ट...

UP Mein Barish: भारत मौसम विज्ञान विभाग की लखनऊ इकाई ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश और बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने इस संदर्भ में पूर्वानुमान जारी किया है। 

विभाग के अनुसार प्रयागराज, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रवि दास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकर नगर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुर, कासगंज, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं एवं आसपास इलाकों में मेघ गर्जन एवं वज्रपात होने की संभावना है।

सीएम ने जारी किए निर्देश

दूसरी ओर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार सीएम योगी आदित्यनाथ ने बारिश, ओलावृष्टि, आंधी तूफान और वज्रपात के दृष्टिगत, संबंधित जनपदों के अधिकारियों को पूरी तत्परता से राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी क्षेत्र का भ्रमण कर प्रभावित लोगों की तत्काल मदद करें।

मुख्यमंत्री ने आकाशीय बिजली, ओलावृष्टि, तेज बारिश, आंधी, तूफान से जनहानि, पशुहानि आदि के मामलों में प्रभावितों को तत्काल आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने और मंडियों में क्रय गेहूं बाहर नहीं रखने के भी निर्देश दिए हैं।

डिप्टी सीएम मौर्य का कार्यक्रम हुआ रद्द 

खराब मौसम का असर नेताओं के कार्यक्रम पर भी पड़ा। गुरुवार को लखनऊ में खराब मौसम की वजह से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का प्रयागराज आने का कार्यक्रम रद्द हो गया। मौसम में सुधार होने पर ही कानपुर जाएंगे। हेलीकॉप्टर फिलहाल उड़ान नहीं भर पा रहा था।

वाराणसी में नाव संचालन रुका

दूसरी ओर वाराणसी में धूल भरी आंधी के बीच जब कुछ समय के लिए नाव संचालन थम गया। 10 अप्रैल 2025 को वाराणसी और आसपास के जनपद में तेज़ आंधी चली। लगभग 15 से 20 मिनट के लिए छोटी नाव का संचालन बंद हो गया। कुछ समय के बाद सामान्य रूप से सभी नावों का संचालन शुरू हुआ। लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नविकों ने फैसला लिया था।