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कोरोना का दूसरा स्वदेशी टीका अगस्त में आएगा, सरकार ने बुक की 30 करोड़ डोज
नई दिल्ली । कोरोना का दूसरा स्वदेशी टीका अगस्त से लोगों को मिलना शुरू हो जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हैदराबाद की कंपनी बॉयोलॉजिकल-ई द्वारा तैयार किए जा रहे इस टीके की 30 करोड़ खुराक खरीदने का फैसला कर लिया है। इसके लिए कंपनी को 1500 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान कर दिया है। कंपनी अगस्त से दिसंबर के बीच टीके की 30 करोड़ खुराकों की आपूर्ति करेगी। इस प्रकार अगस्त से प्रतिमाह छह करोड़ अतिरिक्त टीके लोगों को उपलब्ध होंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी कर बताया कि बॉयोलॉजिकल-ई की कोविड-19 वैक्सीन इस समय तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल से गुजर रही है। पहले और दूसरे क्लीनिकल ट्रायल में बेहतर नतीजे मिले थे। वैक्सीन को बॉयोलॉजिकल-ई ने विकसित किया है, जो आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है। संभावना है कि जून-जुलाई के दौरान इसके परीक्षण पूरे हो जाएंगे और नियामक की मंजूरी भी मिल जाएगी तथा अगस्त से इसका टीकाकरण में इस्तेमाल शुरू हो जाएगा।
मेसर्स बॉयोलॉजिकल-ई के वैक्सीन प्रस्ताव पर नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनेस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 (नेगवैक) ने चर्चा और पड़ताल करने के बाद उसे मंजूर करने की सिफारिश की थी। सरकार ने कहा कि मेसर्स बॉयोलॉजिकल-ई के टीके की खरीद की यह व्यवस्था स्वदेशी टीका निर्माताओं को प्रोत्साहित करना है। सरकार स्वदेशी कंपनियों को टीकों के विकास के लिए भी प्रोत्साहित कर रही है।
मंत्रालय ने कहा कि सरकार इस टीके को प्री क्लीनिकल चरण से लेकर तीसरे चरण तक के अध्ययन तक समर्थन देती आ रही है। जैव प्रौद्यौगिकी विभाग ने न सिर्फ 100 करोड़ रुपये के अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता दी है, बल्कि विभाग बायोलॉजिकल-ई के साथ तकनीकी साझेदारी भी कर रहा है। वैक्सीन सम्बंधी जंतुओं पर प्रयोग और अध्ययन का काम ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, फरीदाबाद के जरिए किया गया। बता दें कि भारत सरकार ने टीकों के विकास के लिए मिशन कोविड सुरक्षा शुरू किया है।
अगस्त से यह टीका आने से पूर्व जुलाई में देश में स्पूतनिक टीके का भी निर्माण शुरू हो जाएगा। संभावना है कि जुलाई में स्पूतनिक टीके की एक से डेढ़ करोड़ डोज तैयार होनी शुरू हो जाएंगी, जबकि रेड्डी लेबोरेटरी द्वारा इसका आयात भी जारी रहेगा।
इस बीच जुलाई से देश में फाइजर का टीका मिलने की भी उम्मीद है। फाइजर से पांच करोड़ टीकों की खरीद को लेकर बातचीत चल रही है तथा इसमें से कुछ टीके जुलाई से मिलने शुरू होने की उम्मीद है।
इस बीच सीएम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने स्पूतनिक टीके के उत्पादन के लिए लाइसेंस मांगा है। स्पूतनिक टीके को पांच कंपनियां देश में बनाने जा रही हैं। अब सीरम इंस्टीट्यूट ने भी इसमें दिचलस्पी दिखाई है।
चार टीके विभिन्न चरणों के परीक्षण से गुजर रहे हैं। इनमें जायडस कैडिला की डीएनए वैक्सीन तीसरे चरण, जिनोवा बॉयोफॉर्मास्युटिक्लस की एमआरएनए वैक्सीन तथा भारत बॉयोटेक की नेजल वैक्सीन पहले चरण के क्लीनिकल ट्रायल में हैं। इसके अलावा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने नोवावैक्स द्वारा विकसित रिकांबिनेंट नैनोपार्टिकल वैक्सीन के तीसरे चरण के ब्रीजिंग क्लीनिकल ट्रायल आरंभ कर दिए हैं। उम्मीद है कि ये टीके भी जल्द उपलब्ध होंगे।