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मेरठ : डॉक्टर मुक्ति भटनागर का 64 साल की उम्र में निधन, कई दिनों से बीमार चल रही थीं
मेरठ . सुभारतीय विश्वविद्यालय की संस्थापक सदस्य डॉ. मुक्ति भटनागर का निधन हो गया। वह 63 वर्ष की थीं। वह पिछले कई दिनों से बीमार चल रही थीं। वह सुभारती ग्रुप के संस्थापक व चेयरमैन डॉ. अतुल कृष्ण की पत्नी थीं।
सुभारती आंदोलन की जनक रहीं मुक्ति भटनागर
डॉक्टर मुक्ति भटनागर का जन्म 1957 में हुआ। उनका शुरू से ही जुनून था कि वह खुद वह अपने परिवार के साथ ऐसी देश सेवा करें, जिन्हें शायद ही भूला जा सके। सबसे ज्यादा उनका योगदान चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति रहा। वह सुभारती आंदोलन की जनक भी रहीं। मेरठ तथा देहरादून के सुभारती विश्वविद्यालय की संघ माता के निधन के बाद सुभारती परिवार में अचानक एक मातम छा गया है।
सुभारती परिवार की तरफ से यह जानकारी दी गई है कि डॉक्टर मुक्ति भटनागर का अंतिम संस्कार सोमवार को सूरजकुंड स्थित श्मशान घाट पर बौद्ध रीति-रिवाजों के साथ किया जाएगा। यह भी अपील की गई है कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए करीबी, परिचित और उनसे जुड़े लोग स्वयं अंतिम संस्कार में न आकर अपने स्थान से ही प्रार्थना करें। परिवार में उनके पति डॉक्टर अतुल कृष्ण भटनागर के अलावा उनकी बेटी डॉ. शल्या व अन्य सदस्य हैं।
कोविड में सुभारती ने दिया है महत्वपूर्ण योगदान
सुभारती विश्वविद्यालय व सुभारती मेडिकल कॉलेज में कोरोना के काल में मार्च 2020 से अब तक बड़ा योगदान दिया है। वेस्ट यूपी ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के मरीजों का भी यहां उपचार किया गया। सुभारती अस्पताल शुरुआत से ही कोविड सेंटर बनाया गया, जो अभी तक कोविड अस्पताल के रूप में कार्य कर रहा है। यहां मरीजों को एक नई जिंदगी भी सुभारती अस्पताल ने दी है।