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उड़नतश्तरियों पर हुआ बड़ा खुलासा, अमरीकी सरकार ने जारी की रिपोर्ट
नई दिल्ली। क्या अंतरिक्ष में हम अकेले हैं? क्या दूसरे ग्रह पर भी प्राणी हैं? क्या उड़नतश्तरियां (UFO) धरती पर आती हैं? ऐसे कई सवाल लोगों के मन में उमड़ते रहते हैं। अमरीकी खुफिया एजेंसियों ने यूएफओ के बारे में पहली बार बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट संसद में पेश की। रिपोर्ट को लेकर बड़ी संख्या में लोगों की दिलचस्पी थी। लेकिन सभी खुफिया जानकारियों और आधुनिक तकनीक से लैस अमरीकी एजेंसियों के लिए यूएफओ अब भी पहेली ही बने हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार पिछले दशकों के दौरान अमरीकी रक्षा ठिकानों और समुद्री सीमा में यूएफओ दिखाई देने के 144 मामलों में से एक की पुष्टि हो पाई है। रिपोर्ट के अनुसार यूएफओ को लेकर डेटा अपर्याप्त है। लेकिन जांचकर्ताओं ने ये स्वीकार किया कि साइटिंग में वस्तुएं तो दिखाई दी हैं लेकिन उन्हें यूएफओ करार नहीं दिया जा सकता है।
अमरीकी युद्धपोत ओमाहा पर दिखे एक यूएफओ के बारे में खुफिया एजेंसियां पुष्टि कर पाई हैं। अमरीकी नेवी और पायलटों ने इसे बैलून करार दिया है। साथ ही रिपोर्ट में तीन अन्य साइटिंग के बारे में भी रिपोर्ट में निष्कर्ष के प्रयास किए गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सेनाओं के सेंसर ने असामान्य गतिविधियों की पहचान की। लेकिन डेटा और अन्य सबूतों के अभाव में इन्हें यूएफओ घोषित नहीं किया जा सकता है। कुछ कथित यूएफओ बेहत उन्नत भी थे।
नौ पन्नों की इस रिपोर्ट से जवाब कम और सवाल ज्यादा उठने लगे हैं। यूएफओ विशेषज्ञों का कहना है कि रिपोर्ट में तथ्यों को छिपाया गया है। जबकि पूर्व में अमरीकी सरकारों द्वारा यूएफओ के बारे में जानकारी पाने के लिए बड़ा बजट और विशेषज्ञ लगाए गए थे।
इस पूरे विषय पर बोलते हुए अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि यूएफओ के बारे में हम दरअसल भली-भांति जानते नहीं हैं। ये रहस्यमय होती हैं। लेकिन लोग इसे काफी गंभीरता से लेते हैं और इसके बारे में जानना चाहते हैं।