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हैदराबाद: अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र की स्थापना के लिए CJI रमणा ने सिंगापुर के चीफ जस्टिस से मांगी मदद

हैदराबाद: अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र की स्थापना के लिए CJI रमणा ने सिंगापुर के चीफ जस्टिस से मांगी मदद

हैदराबाद । भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एन वी रमणा ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने वाणिज्यिक विवादों को निपटाने के लिए हैदराबाद में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (IAC) स्थापित करने को लेकर सिंगापुर के चीफ जस्टिस से मदद मांगी है, क्योंकि शहर दुनिया से भौगोलिक रूप से अच्छी तरह जुड़ा है. पिछले कुछ दिनों से तेलंगाना राजभवन में रह रहे चीफ जस्टिस ने कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को इसके लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर में मदद करने का सुझाव भी दिया है.

सीजेआई रमणा ने कहा, “मैंने सिंगापुर के चीफ जस्टिस से बात की. वह भारत से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़े मामलों में मामलों में भारत से कुछ मदद चाहते हैं. वे जानना चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इसका किस तरह इस्तेमाल कर रहा है. मैंने उनसे अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र की स्थापना में मदद मांगी है जिसके लिए वे तैयार हो गए. दुनिया का सबसे बेहतरीन मध्यस्थता केंद्र सिंगापुर में है.”

1991 में स्थापित सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (SIAC) ने ग्लोबल बिजनेस कम्युनिटी के बीच निष्पक्ष मध्यस्थता कराकर अपने आप को साबित किया है. SIAC की मध्यस्थता के फैसले को ऑस्ट्रेलिया, चीन, हांग कांग, भारत, इंडोनेशिया, जॉर्डन, थाईलैंड, यूके, यूएस और वियतनाम की अदालतें भी मानती हैं.


सीजेआई रमणा ने कहा कि अगस्त में होने वाली अगली मध्यस्थता कॉन्फ्रेंस के दौरान इस मुद्दे पर सिंगापुर के चीफ जस्टिस से व्यक्तिगत रूप से बात करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि अधिकतर कंपनियां अपनी विवादों के निपटारे के लिए लंदन या सिंगापुर जाती हैं, जबकि हैदराबाद भौगोलिक रूप से बीच में स्थित हैं और यह खाड़ी देशों, यूरोपीय और एशियाई देशों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है.

सीजेआई ने बताया, “अगस्त में किसी समय मध्यस्ता कॉन्फ्रेंस होगा. मुझे लोकेशन के बारे में जानकारी नहीं हैं. यह महामारी की स्थिति पर निर्भर करेगा कि यह कॉन्फ्रेंस फिजिकल होगा या फिर डिजिटली होगा. हम दोनों इसमें हिस्सा ले रहे हैं. अगर हम उनसे फिजिकली मिलते हैं तो उन्हें सही तरीके से समझा पाएंगे. उन्होंने वादा किया है कि वह इसके लिए हर तरीके से मदद करेंगे.”