Headlines
Loading...
गोरखपुर : फर्जी शिक्षकों पर शिक्षा की विभाग मेहरबानी, शिकायत के आठ साल बाद बर्खास्‍तगी की कार्रवाई

गोरखपुर : फर्जी शिक्षकों पर शिक्षा की विभाग मेहरबानी, शिकायत के आठ साल बाद बर्खास्‍तगी की कार्रवाई

गोरखपुर । फर्जी शिक्षकों को किस तरह से बचाया जा रहा है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण गोरखपुर है। यहां पर शिक्षा विभाग के चंद अधिकारियों की मिली भगत से फर्जी शिक्षकों की जांच को दबा दे रहे हैं ताकि फर्जी शिक्षक को वेतन मिलता रहे। वर्ष 2013 में आत्‍म प्रकाश नामक शिक्षक के खिलाफ शिकायत की गई थी कि उसका प्रमाण पत्र फर्जी है, अब उसे बर्खास्‍त कर दिया गया। मतलब अधिकारियों की साजिश के तहत शिकायत के बाद भी वह आठ साल तक वेतन लेता रहा।

जनपद में फर्जी शिक्षकों की तादाद बढ़ती जा रही है। फर्जी अंक पत्र पर नौकरी की पुष्टि होने के बाद भी पिछले कई माह से एक शिक्षक पर विभाग इसलिए कार्रवाई नहीं कर रहा पर था, क्योंकि उसका सत्यापन रिपोर्ट बोर्ड से नहीं आया था। जैसे ही यूपी बोर्ड ने सत्यापन रिपोर्ट भेजकर उसके टीईटी के अंकपत्र फर्जी होने पर अपनी मुहर लगाई। विभाग ने शिक्षक पर कार्रवाई करते हुए बर्खास्त कर दिया।


जनपद के प्राथमिक विद्यालय टेकवार बांसगांव में सहायक अध्यापक पद पर तैनात शिक्षक आत्म प्रकाश पांडेय के विरुद्ध विभाग को फर्जी अंकपत्र पर वर्ष 2013 में नौकरी हासिल करने की शिकायत मिली थी। जांच हुई तो शिकायत सही मिली और शिक्षक के टीईटी वर्ष 2011 का अंकपत्र फर्जी मिला। इसके बाद विभाग ने फर्जी अंकपत्र के आधार पर नौकरी के मामले में शिक्षक को निलंबित करते हुए अंकपत्र बोर्ड को सत्यापन के लिए भेज दिया। सत्यापन करने के बाद बोर्ड ने भी अंकपत्र को फर्जी करार दिया है। जिसके बाद विभाग ने पहले शिक्षक को नोटिस भेजा, लेकिन शिक्षक ने नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया। अंतत: निर्णय लेते हुए बीएसए ने शिक्षक पर नियमानुसार कार्रवाई करते हुए बर्खास्त कर दिया।