जौनपुर: पीडब्ल्यूडी में फैले भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए शासन ने सिगल अकाउंट का मसौदा तैयार किया है। इसके तहत प्रदेश भर की सड़क निर्माण से जुड़ी टेंडर की प्रक्रिया अब इसी खाते से कराई जाएगी। अधिशासी अभियंता स्तर के अधिकारियों को खाते का पासवर्ड दिया जाएगा, लेकिन वह सीधे किसी भी ठेकेदार के खाते में धन ट्रांसफर नहीं कर सकेंगे। इस पूरी प्रक्रिया से अधिकारियों व ठेकेदारों का गठजोड़ टूटने के साथ ही निर्माण में भी पारदर्शिता बढ़ेगी। नई योजना को जल्द ही अमल में लाए जाने की बात कही जा रही है।
एकाउंट का संचालन पूरी तरह सरकार की निगरानी में होगा। इससे ठेकेदारों को विभाग को निर्माण की एवज में डीडी, एफडी या बैंक गारंटी रखने के चक्कर से भी छुटकारा मिल जाएगा। टेंडर खुलने के बाद निर्माण की दस फीसद राशि सीधे इसी खाते में जमा की जाएगी। सड़क निर्माण में लगे ठेकेदारों को पैसा भी इसी अकाउंट से उनके खाते में जमा कराया जाएगा। नई व्यवस्था लागू होने से आनलाइन टेंडर भरने के साथ ही हार्ड कापी जमा करने की भी बाध्यता समाप्त हो जाएगी। इससे काफी हद तक पेपर की बचत भी हो सकेगी। यह पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से बेहतर है। भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिहाज से सरकार टेंडर प्रक्रिया को पहले ही आनलाइन कर चुकी है।
“ पारदर्शिता के लिहाज से शासन की ओर से नित नए बदलाव किए जा रहे हैं। यह व्यवस्था भी उसी में से एक है। उम्मीद है कि इस प्रक्रिया की शुरुआत भी जल्द होगी। "