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कानपुर : परौंख पहुंचते ही पुरानी यादों में खो गए राष्ट्रपति, अपनों पर लुटाया प्यार

कानपुर : परौंख पहुंचते ही पुरानी यादों में खो गए राष्ट्रपति, अपनों पर लुटाया प्यार

कानपुर । राष्ट्रपति सर्किट हाउस से रवाना होकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार सुबह करीब 09:05 बजे एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से अपने पैतृक गांव परौंख पहुंचे। परौंख गांव के लोग अपने लल्ला से मिलने की आस से आनंदित हो रहे हैं। स्वागत में पलक पावड़े बिछाए ग्रामवासी घर-घर में घी के दीप जलाए

राष्ट्रपति के स्वागत के लिए द्वार-द्वार रंगरोगन के साथ लिपाई की गई। राष्ट्रपति बनने के करीब चार साल बाद रामनाथ कोविंद रविवार को पहली बार पैतृक गांव परौंख पहुंचे। इससे गांव के लोगों का सालों का इंतजार खत्म हो रहा है। 

परौंख गांव पहुंचते ही राष्ट्रपति सबसे पहले पथरी देवी मंदिर पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद और उनकी बेटी भी मौजूद रहीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी उनके साथ मंदिर पहुंचीं। राष्ट्रपति ने पथरी देवी मंदिर में माथा टेका और परिक्रमा की।

करीब 15 मिनट तक विधि-विधान से पुजारी कृष्ण कुमार बाजपेई ने पूजा संपन्न कराई। राष्ट्रपति इस मौके पर फल-मिष्ठान अपने साथ ही लाए थे। राष्ट्रपति ने देवी के चरणों में 11 हजार रुपये अर्पित किए। पुजारी को 11 सौ रुपये भेंट दी। राष्ट्रपति ने इस मौके पर अपनी बेटी, मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पथरी देवी मंदिर के महत्व और अपने पिता द्वारा की गई देखरेख के बारे में भी बताया।

कानपुर देहात में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति मिली। मुख्यमंत्री योगी ने इसकी घोषणा की। साथ ही सीएम ने कहा कि यूपी में आज से बच्चों के लिए मेडिसिन किट का वितरण होगा। कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है।
परौंख में जनसभा स्थल मंच से राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि मेरे आने से जितनी आपको खुशी है, उससे ज्यादा खुशी मुझे है। इसीलिए हेलीकॉप्टर से उतरकर अपनी धरती को चरण स्पर्श किया। कहा कि इस बार आने में जितना देर हुई, कोशिश होगी कि अगली बार इतना विलम्ब न हो। 

राष्ट्रपति ने कहा कि मैं आपके जैसा नागरिक हूं, बस संविधान में उसे प्रथम नागरिक का दर्जा है। सपने में नहीं सोचा था कि राष्ट्रपति बनकर सेवा करूंगा। हम सब बराबर की पृष्ठभूमि से हैं। प्रधानमंत्री तो यूपी ने बहुत दिए लेकिन राष्ट्रपति यूपी से पहला है। अब यूपी वालों के लिए भी राष्ट्रपति बनने का रास्ता खुल गया है। गांव में पक्के मकान बन गए, रोहनिया बाजार देखकर अच्छा लगा। राष्ट्रपति ने कहा कि मेरे सहपाठी जसवंत सिंह, चंद्रभान सिंह, दशरथ सिंह बहुत याद आते हैं।

कहा कि कोरोना काल में फिटनेस और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने की कोशिश है। खुद को टीका लगवाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें। गांव वालों को राष्ट्रपति भवन देखने की व्यवस्था खुद करूंगा। आप लोग आएं और देखें। संबोधन के बाद राष्ट्रपति पुखरायां पहुंचे।