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लखनऊ: आम के बगीचे में बॉक्सिंग का अभ्यास, सुविधा मिली तो जीत सकते है मेडल

लखनऊ: आम के बगीचे में बॉक्सिंग का अभ्यास, सुविधा मिली तो जीत सकते है मेडल


लखनऊ : देश के लिए बॉक्सिंग में मेडल जीतने का सपना देख रहे 87 बच्चे सुबह और शाम मलिहाबाद के धर्म कांटे के पीछे आम के बगीचे में बॉक्सिंग प्रैक्टिस करने के लिए चले आते हैं. इन सभी बच्चों को बॉक्सिंग की प्रैक्टिस नेशनल लेवल के प्लेयर मोहम्मद सैफ खान खुद करते हैं. सुविधाओं की कमी होने के बावजूद यहां के कई बच्चे देश में नेशनल लेवल और स्टेट लेवल तक खेल चुके हैं. अधिकतर बच्चे पैसा न होने की वजह से शहर में प्रैक्टिस नहीं करते हैं. इस लिए सब सैफ़ सर के पास बॉक्सिंग सीखने चले आते हैं.

दशहरी आम के बगीचे के बीच प्रैक्टिस करने वाले अधिकतर बच्चे गरीब परिवार से आते हैं. उनकी हालात ऐसे हैं, कि उनको दो टाइम के खाने के लिए सोचना पड़ता है. तो बॉक्सिंग के लिए महंगे ग्लव्स, पंचिंग बैग, ड्रेस, बैंडेज जैसे उपकरण को खरीदना तो दूर की बात है. इन सभी बच्चों को कोच सैफ खान अपने पैसों से ही खेल के सामान खरीद कर प्रैक्टिस करवाते हैं. इन प्रतिभाशाली बच्चों के अच्छे प्रदर्शन के कारण पिछले दिनों पुलिस के एक ऑफिसर ने 40 हजार का खेल सामग्री उपलब्ध कराया था.

कोच सैफ़ खान इस बार अपने तैयार किए गए बॉक्सर को सरकारी स्पोर्ट्स हॉस्टल के लिए ट्रायल दिलाएंगे. जिससे इन बच्चों को अच्छी सुविधा में प्रैक्टिस करने का मौका मिल सके. इसी आम के बगीचे में प्रैक्टिस कर के इससे पहले अनामिका ने नेशनल खेला है. साथ ही इन्ही कम सुविधाओं के साथ अमर गौण, बीनू रावत, शिवानी जैसे तमाम बच्चों ने स्टेट लेवल पर अपना जौहर बिखेरा है. जब तक इन बच्चों को कोई बेहतर सुविधा प्रशासन की तरफ से नहीं मिल जाती तब तक यह बच्चे यूं ही आम के बगीचे में पेड़ से लटके पंचिंग बैग पर अपर कट, लोअर कट मारते रहेंगे.