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रविशंकर प्रसाद का अकाउंट लॉक करने पर ट्विटर ने दी सफाई, कहा- कॉपीराइट नोटिस के कारण रोका एक्सेस
नई दिल्ली । केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद के अकाउंट को अस्थाई रूप से लॉक करने को लेकर ट्विटर ने सफाई दी है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा कि सिर्फ डीएमसीए (डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट) नोटिस के कारण मंत्री के अकाउंट के एक्सेस को अस्थायी रूप से लॉक किया गया था और संबंधित ट्वीट को रोक दिया गया है. रविशंकर प्रसाद ने इससे पहले बताया था कि उनके अकाउंट को करीब एक घंटे एक्सेस नहीं मिलने के बाद, दोबारा बहाल किया गया.
ट्विटर प्रवक्ता ने कहा है, “हम अपनी कॉपीराइट पॉलिसी के अनुसार, कॉपीराइट के मालिक या उनके आधिकारिक प्रतिनिधियों द्वारा भेजे गए शिकायत के आधार पर जवाब देते हैं.” रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर की ओर से मिली नोटिस को शेयर किया था जिसमें लिखा था, “आपके अकाउंट को लॉक किया गया है क्योंकि ट्विटर को आपके अकाउंट से पोस्ट किए गए कंटेंट पर डिजिटिल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट की शिकायत मिली है. डीएमसीए के तहत कॉपीराइट का दावा करने वाला ट्विटर को नोटिफाई कर सकता है कि यूजर ने उनके कॉपीराइट कामों का उल्लंघन किया है. इस नोटिस के मिलने पर, ट्विटर संबंधित कंटेंट को हटाएगा.”
ट्विटर की इस कार्रवाई पर केंद्रीय मंत्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने नोटिस का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, “ट्विटर की ये कार्रवाई सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) के नियम 4(8) का उल्लंघन है, जिसके तहत उन्होंने अकाउंट का एक्सेस हटाने से पहले कोई नोटिस नहीं दिया.”
प्रसाद ने आगे लिखा, “यह साफ है कि मेरे बयानों के कारण ट्विटर ने इस तरह की मनमाना कार्रवाई की है. खासकर टीवी चैनलों पर दिए मेरे इंटरव्यू के शेयर होने और इसके बड़े प्रभाव ने ट्विटर को साफ तौर पर परेशान कर दिया है.” उन्होंने लिखा कि यह अब साफ है कि ट्विटर क्यों इंटरमीडियरी गाइडलाइंस को मानने से इनकार कर रहा है, क्योंकि अगर ट्विटर ऐसा करता है तो वह अपने एजेंडे में फिट नहीं बैठने वाले किसी व्यक्ति के अकाउंट का एक्सेस मनमाने तरीक से बंद नहीं कर पाएगा.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कौन सा प्लेटफॉर्म क्या करता है, उन्हें नए आईटी नियमों को मानना ही पड़ेगा और उसके साथ कोई समझौता नहीं होगा. उन्होंने लिखा, “ट्विटर की इस कार्रवाई से पता चलता है कि वे फ्री स्पीच के अगुआ नहीं है जिसका वे दावा करते हैं. बल्कि उनकी रुचि सिर्फ अपना एजेंडा चलाने में है. इस धमकी के साथ कि अगर आप उनके नक्शेकदम पर नहीं चलेंगे तो वे आपको जबरन अपने प्लेटफॉर्म से हटा देंगे.”
रविशंकर प्रसाद को यह नोटिस तब मिली है, जब पिछले कुछ समय में ट्विटर और भारत सरकार के बीच तकरार देखने को मिली है. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछले सप्ताह देश के नए आईटी नियमों की जानबूझकर अवहेलना करने और उनका पालन करने में विफल रहने के लिए ट्विटर की आलोचना की था.
इसके बाद ही ट्विटर ने भारत में इंटरमीडियरी प्लेटफार्म को मिलने वाली छूट का हक खो दिया और अब यूजर्स के किसी भी तरह की गैरकानूनी सामग्री डालने पर वह उसकी जिम्मेदार होगी. भारत में इंटरमीडियरी का दर्जा खोने से कथित गैरकानूनी कंटेंट डाले जाने के किसी भी आरोप की स्थिति में ट्विटर को उसका प्रकाशक माना जाएगा और कानूनों के तहत उसे सजा दी जा सकती है.