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वाराणसी : गंगा दशहरा पर गंगा के अविरल-निर्मल स्‍वरुप के लिए किया आवाह्न

वाराणसी : गंगा दशहरा पर गंगा के अविरल-निर्मल स्‍वरुप के लिए किया आवाह्न

वाराणसी  । 50 करोड़ से अधिक लोगों की आजीविका गंगा के अवतरण दिवस यानि गंगा दशहरा पर नमामि गंगे ने दशाश्वमेध घाट पर अविरल गंगा- निर्मल गंगा की कामना से दुग्धाभिषेक किया। सनातनी संस्कृति का प्रवाह मां गंगा की आरती उतारी गई। शपथ लेकर जन भागीदारी सुनिश्चित करने का आवाह्न किया गया। गंगा जयघोष के बीच राष्ट्र ध्वज लहरा कर राष्ट्रीय नदी गंगा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की गई।

नमामि गंगे टीम के महिला और पुरुष सदस्यों ने गंगा तलहटी की सफाई कर लोगों से गंदगी न करने की अपील की। स्वच्छता स्लोगन लिखी तख्तियों के द्वारा घाटों पर लोगों को जागरूक किया गया। गंगा घाटों पर उपस्थित नागरिकों को कोरोना की तीसरी लहर के खतरों से सचेत किया गया। मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने का आग्रह किया गया। घाटों पर मास्क का वितरण भी किया गया। मां गंगा से कोरोना के जड- मूल से विनाश की गुहार लगाई। आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में भारत के विजयी होने का आशीर्वाद मांगा गया।

संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि गंगा दशहरा उस दिन के सम्मान में धार्मिक आस्था के साथ मनाया जाता है जब देवी गंगा पृथ्वी पर आई थीं। राजा सगर के साठ हजार पुत्रों का उद्धार करने के लिए धरती पर आई गंगा तब से लेकर आज तक पृथ्वीवासियों को मुक्ति, शांति, आजीविका और आनंद प्रदान कर रही हैं। मां गंगा का दर्शन स्पर्श, पूजन और स्नान ही मानव मात्र के लिए काफी है। गंगा का शुद्ध होना हमारे पर्यावरण की स्वच्छता का महत्वपूर्ण मापदंड है। सरकार के साथ-साथ हम सभी का गंगा के प्रति जो सरोकार है उसे समझना और ईमानदारी से निभाना होगा।