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वाराणसी : पूर्व मुख्य आयुक्त दिव्यांगजन सशक्तिकरण ने बेटी का कन्यादान दृष्टिबाधित दिव्यांग से कराया

वाराणसी : पूर्व मुख्य आयुक्त दिव्यांगजन सशक्तिकरण ने बेटी का कन्यादान दृष्टिबाधित दिव्यांग से कराया

वाराणसी । कोरोना संक्रमण काल में देश में कई वर्जनाएं और समाज की स्थापित परम्परा भी टूट रही है। ऐसा ही संवेदनशील मानवीय पहल भारत सरकार के पूर्व मुख्य आयुक्त (दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग) डॉ कमलेश कुमार पांडेय ने की है। उनकी यह अनूठी पहल न केवल बदलते भारत की तस्वीर है, वरन् पुरानी वर्जनाओं को तोड़ दिव्यांगजन के सशक्तीकरण की दिशा में बड़ा कदम भी है। 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक एवं भारत सरकार के पूर्व मुख्य आयुक्त दिव्यांगजन डॉ कमलेश कुमार पांडेय ने अपनी बेटी के विवाह उत्सव में न सिर्फ दिव्यांग जनों को आमंत्रित किया। बल्कि अपनी बेटी के विवाह के लिए कन्यादान की रस्म भी दृष्टिबाधित दिव्यांगजन रमन भाई से कराई। बताते चलें देश मे एक समय वह भी था, जब दिव्यांग जनों को हेय दृष्टि से देखा जाता था। 

किसी शुभ कार्य में दिव्यांग को आने नहीं दिया जाता था और न ही जल्दी आमंत्रित किया जाता था। लेकिन डॉ कमलेश कुमार ने न सिर्फ दिव्यांगजन को विवाह उत्सव में आमंत्रित किया, बल्कि अपनी बेटी का कन्यादान भी उन्हीं से कराया। कन्यादान की रस्म को पूरा करने उत्साह से लबरेज रमन भाई अहमदाबाद से चलकर काशी आए और उन्होंने कन्यादान की रस्म पूरी की। रमन भाई संघ के पूर्व प्रचारक रह चुके हैं तथा इस समय दृष्टिबाधित हैं। 

कन्यादान के बाद रमन ने कहा कि यह दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण की दिशा में सशक्त प्रयास है। डॉ कमलेश कुमार का कहना है कि दिव्यांग जनों के सशक्तिकरण की दिशा में यह एक सार्थक पहल है।

 हम जो विचार अपने वाणी में व्यक्त करते हैं उसे हमें व्यवहार में भी लाने की आवश्यकता है। हमें अपने जीवन के सुख-दु:ख के प्रत्येक अवसरों में दिव्यांग जनों को उचित भागीदारी देनी होगी। तभी हम सशक्त भारत के निर्माण में जो समावेशी भारत की कल्पना है उसको पूरी कर सकते हैं। दिव्यांग बंधु डॉक्टर उत्तम ओझा ने कहा कि यह सामाजिक समरसता के दृष्टि से अनूठी पहल है। इसका हम सबको स्वागत करना चाहिए।