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वाराणसी : कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मरीजों को लूटने वाले अस्पतालों के खिलाफ़ कार्रवाई के नाम पर लीपापोती
वाराणसी । कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सरकारी अस्पतालों के बेड फुल हो गए। प्राइवेट अस्पतालों को प्रशासन की ओर से कोविड मरीजों के इलाज की अनुमति दी गई। शासनादेश के तहत इलाज के रेट तय हुए लेकिन, अस्पतालों ने इसके इतर खूब लूट मचाई। अब मरता क्या नहीं करता.. लोगों ने इलाज के खर्च को छोड़ अपने चहेतों की जान बचाने के नाम पर रुपये जुगाड़ कर चुकाया लेकिन दर्द छुपा नहीं सके।
किसी ने अपनी बात सोशल मीडिया पर शेयर की तो कुछ ने शासन व प्रशासन को पत्र लिखा। शासन ने इसको गंभीरता से लिया और तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया।
इसी क्रम में जिलाधिकारी के निर्देश के तहत शिकायतों को देखते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीबी सिंह की ओर से जिले के 14 निजी चिकित्सालय को नोटिस जारी किया गया। कहा गया कि शासन द्वारा निर्धारित दरों से ज्यादा शुल्क कोरोना मरीजों के परिजन से वसूलना पूरी तरह शासनादेश का उल्लंघन है।
महामारी अधिनियम 1897 एवं उत्तर प्रदेश महामारी नियमावली 20 के अधीन दंडनीय है। चिकित्सालयों को निर्देशित किया गया है कि नोटिस प्राप्त होने के उपरांत शासनादेश प्राप्त कर शुल्क निर्धारित करते हुए दो दिनों के अंदर सूचना प्रेषित करें। अन्यथा की स्थिति में महामारी अधिनियम की सुसंगत धाराओं तहत चिकित्सालय की कोविड मान्यता समाप्त कर दी जाएगी। इसके लिए चिकित्सालय स्वयं इसके उत्तरदायी होंगे ।
• एपेक्स हॉस्पिटल भिखारीपुर, • पॉपुलर हॉस्पिटल बछांव, • पापुलर हॉस्पिटल डीएलडबल्यू, • नोवा हॉस्पिटल शिवपुर, • ओमेगा प्लस हॉस्पिटल सुंदरपुर, • लक्ष्मी हॉस्पिटल कैंट,• साईनाथ हॉस्पिटल सुंदरपुर, • जनता हॉस्पिटल आखिरी बाईपास, • डीपी मेडिकल सेंटर पहड़िया, • एसएएस हॉस्पिटल हरहुआ, • वरसोवा हॉस्पिटल चितईपुर, • सूर्योदय इंडिया हॉस्पिटल भोजुवीर, • मिडविन हॉस्पिटल मैदागिन व • उपकार हॉस्पिटल सुंदरपुर शामिल रहा। इन अस्पतालों के अलावा 36 और अस्पतालों पर नजर है।
शासन की ओर से मध्यम बीमारी (मोडरेट सिकनेस) से ग्रसित मरीज को सहायक देखभाल सहित एक दिन के इलाज के लिए 10,000 रुपये (पीपीई किट 1200 रुपये सहित) निर्धारित किए थे। दूसरे वर्ग में गंभीर बीमारी (सीवियर सिकनेस) से ग्रसित मरीज को आईसीयू में बिना वेंटिलेटर के लिए एक दिन के इलाज के लिए 15,000 रुपये (पीपीई किट 2000 रुपये सहित) देने होंगे। जबकि तीसरे वर्ग में अधिक गंभीर बीमारी (वेरी सीवियर सिकनेस) से ग्रसित मरीज को एक दिन के इलाज के लिए 18,000 रुपये (पीपीई किट 2000 रुपये सहित) निर्धारित किया गया था। उपरोक्त दर एनएबीएच (नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थकेयर) मान्यता प्राप्त हॉस्पिटल के लिए निर्धारित की गई है। जबकि गैर एनएबीएच मान्यता प्राप्त के अंतर्गत पहले वर्ग के इलाज के लिए एक दिन के 8000 रुपये (पीपीई के 1200 रुपये सहित), दूसरे वर्ग के इलाज के लिए एक दिन 13000 रुपये (पीपीई के 2000 रुपये सहित) और तीसरे वर्ग के इलाज के लिए एक दिन के 15000 रुपये (पीपीई के 2000 रुपये सहित) निर्धारित रहे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि पहले वर्ग के पैकेज में में कोविड केयर प्रोटोकाल के अनुसार उपचार प्रदान किए जाने के लिए बेड, भोजन तथा अन्य सुविधायें जैसे- नर्सिंग केयर, मानीटरिंग, इमेजिंग (एक्स-रे) सहित अन्य आवश्यक जांचे जैसे- सीबीसी, आरबीएस, एलएफ़टी, आरएफ़टी इत्यादि विजिट/कन्सल्ट, चिकित्सक, परीक्षण आदि की सुविधाएं सम्मिलित हैं।
अस्पतालों को नोटिस सीएमओ की ओर से दिया गया है। जिले के ग्रामीण क्षेत्र के एक अस्पताल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गई। शिकायत के आधार पर शासन से निर्धारित रेट से अधिक अधिक रुपये वसूलने वाले अस्पतालों से रुपये रिटर्न कराया जा रहा है। नोटिस के बाद अस्पतालों ने क्या जवाब दिया। इसको दिखवाते हैं। दोषी जो भी मिलेगा सख्त कार्रवाई होगी।