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वाराणसी : गंगधार की तरफ मिट्टी डालने में यूपीपीसीएल के अभियंता और ठेकेदार को नोटिस
वाराणसी । गंगा घाट के नीचे क्षरण रोकने के लिए बनाई जा रही दूसरी जलधारा यानी नहर की खोदाई के बाद मिट्टी मुख्य धारा की तरफ डालने को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया। इसे उन्होंने अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया प्रतीत हो रहा है कि वर्क इंचार्ज यूपीपीसीएल के विभागीय अभियंता व ठेकेदार की ओर से समय-समय पर पर्यवेक्षण नहीं किया गया। इसमें नोटिस जारी करके एक सप्ताह में मिट्टी दूसरी तरफ शिफ्ट कराने का निर्देश दिया है। कहा कि खोदी गई मिट्टी के बंधे जैसे स्वरूप से लोगों मे भ्रम की स्थिति बनी हुई है। खनन विभाग की ओर से दोनों तरफ खोदी गई मिट्टी की नीलामी के टेंडर को फाइनल किया जाए। टेंडर प्राप्त करने वाले से 10 दिन के भीतर मिट्टी उठाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए ताकि बरसात के दौरान कोई नुकसान न हो।
जिलाधिकारी गुरुवार को गंगा में ड्रेजिंग और बाढ़ को लेकर अब तक की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने बाढ़ के डिज़ास्टर मैनेजमेंट प्लान को लेकर अपर जिलाधिकारी वित्त समेत संबंधित विभागीय अफसरों के साथ मंथन किया।
डीएम ने बाढ़ से निबटने के लिए वृहद रूपरेखा तैयार करने का निर्देश के साथ ही अफसरों से पूछा कि बाढ़ चौकियां निर्धारित हुईं कि नहीं। उप जिलाधिकारियों को तहसील कर्मियों के साथ बैठक कर बाढ़ की आपात स्थिति से निबटने का खाका खींचने का निर्देश दिया। एडीएम वित्त को कहा कि गोताखोरों और नाविकों के साथ बैठक कर सूची तैयार की जाए ताकि आपदा के समय उनकी मदद ली जा सके। नावों पर लाइफ जैकेट, फ्लोटिंग ट्यूब आदि की उपलब्धता, बाढ़ के समय जरूरी वस्तुओं के स्टाॅक आदि की भी जांच पड़ताल कर ली जाए। बाढ़ राहत कैंप में खाद्य पदार्थ आदि को लेकर वेंडर्स अभी से तय कर लिए जाए। बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में स्थित गोशालाओं में शेड की व्यवस्था, बाउण्ड्री, खडंजा , भूसा, चारा आदि की व्यवस्था समय से सुनिश्चित कराने का इंतजाम मुख्य पशु चिकित्साधिकारी करा लें।
जिलाधिकारी ने बरसात से पूर्व जर्जर मकानों की सूची तीनों तहसीलों में तत्काल तैयार करा लेने का निर्देश दिया। कहा कि एसडीएम एक सप्ताह के अंदर स्वीकृति लेकर जर्जर मकानों को गिरवाने की व्यवस्था कराएं।