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वाराणसी : डीआरडीओ कोविड अस्पताल में चल रहा धरना समाप्त, कम सैलरी देने को लेकर नाराज थे कर्मी
वाराणसी. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में डीआरडीओ की ओर से बने पंडित राजन मिश्रा कोविड-19 अस्पताल में आउटसोर्सिंग पर लगे कर्मचारी रविवार को सुबह पांच बजे से धरना प्रदर्शन कर रहे है. लेकिन अब पुलिस के समझाने के बाद कर्मचारियों ने धरना समाप्त कर दिया है और सभी लोग अपने घरों में चले गए है. ये कर्मचारी सही समय पर वेतन न मिलने और कम सैलरी मिलने के कारण सुबह से धरने पर बैठे थे. इन कर्मचारियों का आरोप था कि इन्हें 18,000-20,000 सैलरी देने की बात की गई थी. लेकिन अब केवल 12,000 रुपये ही वेतन के रूप में दिए जा रहे है.
धरने पर बैठे कर्मचारियों ने बताया कि जब उनके साथी कर्मचारी कम वेतन का विरोध करने गए तो उन्हें निकाल दिया गया. जब इस बारे हम लोगों ने पूछा तो जबाव में कहा गया कि आप लोगों को 9 हजार ही मिलेगा. इस वेतन में काम करना है तो करिए वरना जाइए. कर्मचारियों का कहना है कि हम अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की देखभाल करते है. अपने घर से दूर आकर इतनी कड़ी मेहनत करने के बावजूद हमारे साथ ऐसा दुर्व्यवहार किया जा रहा है.
इस संबंध में शिव कुमार ने बताया कि हम लोगों से 30 दिन का काम कराकर सिर्फ 26 दिन का ही पैसा देने की बात की जा रही है. उन्होंने बताया कि हमारे साथ ऐसा दुर्व्यवहार किया जा रहा है कि हम लोगों के 5-10 मिनट देर से आने पर हमें धक्का देकर भगा दिया जाता है. हम लोग 20-40 दूर से काम करने के लिए यहाँ आते है और यहाँ रात में रुकने की भी कोई व्यवस्था नहीं है. यहाँ तक कि दूर से आने वाली महिलाओं को भी रात में रुकने नहीं दिया जाता है.
वहीं सुपरवाइजर शशि कला का कहना है कि हम लोग किट पहनकर 8-8 घंटे मरीजों के पास रहते है. हमें चाय-पानी पीने का भी मौका नहीं मिलता. यहाँ तक कि हम लोगों को मरीजों का डायपर तक बदलना पड़ता है. अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने के बाद भी हमारे साथ ऐसा दुर्व्यवहार हो रहा है. अभी तक हमारा वेतन नहीं आया है. इस बारे में पूछने पर कहा जाता है कि वेतन आने में अभी कुछ और दिन लगेंगे.