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मालदीव में मीडिया के दुष्प्रचार से भारतीय उच्चायोग आहत, भारत ने विएना समझौते के तहत मांगी सुरक्षा
माले । मालदीव में भारतीय उच्चायोग ने स्थानीय मीडिया और इंटरनेट मीडिया की भूमिका पर नाखुशी जाहिर की है। दोनों मीडिया प्लेटफॉर्म पर भारतीय उच्चायुक्त और अन्य अधिकारियों के खिलाफ व्यक्तिगत अपमानजनक हमले किए जा रहे हैं। सभ्यता की सीमा से परे जाकर दुष्प्रचार किया जा रहा है। इससे मालदीव में रह रहे भारतीय आहत हैं।
भारतीय उच्चायोग ने पिछले सप्ताह इस दुष्प्रचार पर मालदीव के विदेश मंत्रालय से लिखित शिकायत की थी। अनुरोध किया था कि इस तरह के दुष्प्रचार पर रोक लगाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। पता चला है कि मालदीव सरकार ने इस पत्र को गंभीरता से लिया है। उसने अखबारों और न्यूज वेबसाइटों की गैर जिम्मेदाराना और शरारतपूर्ण रिर्पोटिंग का संज्ञान लिया है।
सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति इब्राहीम सोलिह के कार्यकाल में भारत और मालदीव के संबंध काफी प्रगाढ़ हुए हैं। भारत के सहयोग से वहां पर बड़ी संख्या में विकास कार्य किए जा रहे हैं। ये विकास कार्य सफल भी रहे हैं और उनसे जनता को लाभ भी हो रहा है। इससे सोलिह सरकार और भारत की छवि बेहतर हो रही है।
मालदीव के विपक्ष को यही चीज रास नहीं आ रही है। विपक्ष और उससे प्रभावित मीडिया का बड़ा तबका भारत और भारतीय उच्चायोग के खिलाफ दुष्प्रचार में जुट गया है। भारतीय अधिकारियों का मनोबल तोड़ने के लिए उन पर व्यक्तिगत हमले किए जा रहे हैं।
भारत ने इसी शरारतपूर्ण और उद्देश्यपूर्ण कृत्य की शिकायत मालदीव सरकार से की है। मांग की है कि विएना समझौते के अनुच्छेद 29 के तहत राजनयिकों को मालदीव सरकार से हर तरह की सुरक्षा मिले।