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जम्मू - कश्मीर: आतंकियों के निशाने पर था रघुनाथ मंदिर, हमले की पूरी प्लानिंग कर चुके थे दहशतगर्द
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर सुरक्षाबलों ने मुस्तैदी ने बड़े आतंकी हमले को होने से रोक दिया है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पिछले शनिवार देर रात लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के संगठन के आतंकी संगठन टीआरएफ के जिस आतंकी को पकड़ा था, उनके दो अन्य साथियों को भी देर रात गिरफ्तार कर लिया गया है. पकड़े गए आतंकियों ने बताया है कि वह जम्मू के रघुनाथ मंदिर में हमला करने की प्लानिंग कर चुके थे. उन्होंने बताया कि इस हमले के बाद कई और मंदिरों को भी निशाना बनाया जाना था.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पिछले शनिवार देर रात लश्कर-ए-तैयबा के संगठन (टीआरएफ) के आतंकी नदीम को पकड़ा था. उसके पास से 5 किलो आईईडी बरामद किया गया था. नदीम से पूछताछ के बाद शुक्रवार देर रात पुलिस ने उसके दो और साथियों को भी पकड़ लिया है. पकड़े गए आतंकियों की पहचान नदीम आयूव राथर निवासी कश्मीर और तालिब उर रहमान निवासी बनिहाल के रूप में हुई है. यह दोनों द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के आतंकी हैं.
नदीम उल हक जिसे पुलिस ने पिछले शनिवार को जम्मू में गिरफ्तार किया था, उसने पूछताछ में खुलासा किया है कि वह सीमा पार बैठे टीआरएफ के हैंडलर्स के संपर्क में था और व्हाट्सएप कॉल और व्हाट्सएप मैसेज के जरिए अपने अन्य साथियों को निर्देश दे रहा था.
नदीम ने पुलिस को बताया है कि वह तीनों मिलकर जम्मू के अलग-अलग मंदिरों पर एक साथ हमला करने की प्लानिंग में थे. उन्होंने कहा कि घाटी में दहशत फैलाने के लिए सबसे पहले रघुनाथ मंदिर को निशाना बनाया जाना था. नदीम ने बताया कि मंदिर पर हमला करने के लिए उसने आईईडी अपने पास रखी थी. बता दें कि मार्च 2002 में भी जम्मू-कश्मीर के ऐतिहासिक रघुनाथ मंदिर में फिदायीन हमला हो चुका है. इस हमले में दो दर्जन से अधिक लोग मारे गए थ्ज्ञे जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए थे.