मिर्जापुर । सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों रोगियों की कसौटी पर खरा नहीं उतर पा रहा है। मरीजों को बाहर से दवाएं लिखी जा रही हैं जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी अव्यवस्था का परिणाम रहा कि क्षेत्र के ददरा गांव में कुछ दिन पूर्व दादी व पोती की मौत डायरिया से हो गई। अगर इन दोनों को सही समय पर उपचार व दवा मिल जाता तो शायद उनकी जान बच जाती। हालांकि इन दिनों सीएचसी में मरीजों की भीड़ लग रही है लेकिन उन्हें दवा बाहर से लिखी जा रही है। विकास खंड राजगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाल स्थिति जगजाहिर है। इस स्थिति की पोल खोलती एक घटना बुधवार को घटित हुई। बरसात होने से अस्पताल में दवाइयां बढ़ने के बजाय घटती जा रही हैं।फार्मासिस्ट कुछ बताते नहीं हैं। अस्पताल में डॉक्टर मरीजों को ज्यादातर दवाइयां बाहर से लिखते
हैं।
मरीज डॉक्टर के कहने पर ब्लड की जांच और दवाइयां बाहर की दुकान से लेते हैं। क्षेत्र के कल्लू, श्याम, राज कुमार, मोहन, महेंद्र आदि ग्रामीणों ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए शासन की ओर से कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। करोड़ों के बजट आवंटित किए जा रहे हैं तो फिर कमी कहां से हैं।
अस्पताल परिसर में ब्लड जांच के नाम पर कुछ नहीं होता है। इस संबंध में चिकित्सा प्रभारी डा. डीके सिंह ने बताया कि उच्चाधिकारियों को कई बार पत्र भी लिखा जा चुका है। गुरुवार को फिर डायरिया की आवश्यक दवाओं के संबंध में सीएमओ पत्र भेजा गया है। शीघ्र ही दवाओं की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता हो जाएगी।