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वाराणसी : किसानों के जीवन में भी डिजिटल लेनदेन से अभूतपूर्व परिवर्तन आया : पीएम मोदी
वाराणसी । डिजिटल इंडिया अभियान में गुरुवार को छह वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाभार्थियों के साथ बातचीत की। कमिश्नरी सभागार में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वाराणसी की अनुपमा दुबे से डिज़ी बुनाई सॉफ्टवेयर के माध्यम से किए जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी ली। इसके बाद प्रधानमंत्री ने हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ उनका अभिवादन किया। उन्होंने अनुपमा दुबे से पूछा पहले मैनुअली अब डिजिटल इंडिया के तहत सॉफ्टवेयर के आने से कार्यों में कितना बदलाव आया है। अनुपमा दुबे ने पूरे उत्साह के साथ प्रधानमंत्री का अभिवादन करते हुए बताया कि पहले मैनुअली कार्य करने के दौरान बनारसी साड़ी पर काम करने में 4 से 5 दिन लगते थे, लेकिन डिजिटल इंडिया के तहत डिज़ी बुनाई सॉफ्टवेयर से एक दिन से भी कम समय में यह कार्य पूरा हो जाता हैं। प्रधानमंत्री ने अनुपमा दुबे को संबोधित करते हुए कहा कि नारी शक्ति देश की ताकत है और वाराणसी में बुनकरों की सहायता एवं सुविधा के लिए लालपुर में हस्तकला संकुल भी बनाया गया है। इस दौरान डिज़ी बुनाई सॉफ्टवेयर से कार्य करने वाली बुनकर दीक्षा सिंह एवं यास्मीन बानो भी प्रधानमंत्री से वार्ता के दौरान मुखातिब रही।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के कोने कोने से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े डिजिटल इंडिया के विभिन्न प्लेटफार्म से जुड़े लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ऑनलाइन शिक्षा से लेकर चिकित्सा तक के लिए विकसित किए गए प्लेटफॉर्म से करोड़ों भारतीयों को फायदा हो रहा है। डिजिटल इंडिया ने दूर-दूर तक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाई है।
उन्होंने आगे कहा कि हमने अनुभव किया है कि डिजिटल इंडिया ने कोरोना महामारी के दौरान हमारे जीवन को कितना आसान बना दिया है। कल्पना कीजिए कि अगर डिजिटल कनेक्टिविटी नहीं होती तो कोरोना में क्या स्थिति होती। डिजिटल इंडिया मतलब सबको अवसर, सबको सुविधा, सबकी भागीदारी। आरोग्य सेतु ऐप से कोरोना संक्रमण को रोकने में बहुत मदद मिली है। टीकाकरण के दौरान दुनिया के कई देश कोविन ऐप में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। वे चाहते हैं कि उनके देश में भी इस योजना का लाभ मिले। टीकाकरण अभियान के लिए कोविन जैसा निगरानी उपकरण हमारी तकनीकी ताकत का प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि डिजिटल इंडिया के माध्यम से ही एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड को सच किया जा रहा है। इससे प्रवासी कामगारों को सबसे ज्यादा फायदा हो रहा है, क्योंकि उन्हें अब नए राशन कार्ड नहीं बनाने पड़ेंगे। डिजिलॉकर इस बात का एक अच्छा उदाहरण है कि डिजिटल इंडिया कितना प्रभावी रहा है। स्कूल/कॉलेज, आधार, पैन, वोटर आईडी कार्ड जैसे सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज अब डिजिलॉकर पर आसानी से और सुरक्षित रूप से संग्रहीत किए जा सकते हैं। डिजिटल इंडिया मिशन के तहत बुनियादी ढांचे के विकास के पैमाने और गति पर अधिक ध्यान दिया गया। भारत के गांवों में लगभग 2.5 लाख सीएससी इंटरनेट को उन जगहों पर ले गए हैं, जहां कुछ समय पहले इसे मुश्किल समझा जाता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के जीवन में भी डिजिटल लेनदेन से अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 10 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों को 1 लाख 35 करोड़ रुपये सीधे बैंक अकाउंट में जमा किए गए हैं। डिजिटल इंडिया ने वन नेशन, वन एमएसपी की भावना को भी साकार किया है। इस वर्ष गेहूं की रिकॉर्ड खरीद के लगभग 85,000 करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंचे हैं। ईनाम पोर्टल से ही अब तक देश के किसान 1 लाख 35 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन कर चुके हैं। कल ही जीएसटी के चार वर्ष पूरे हुए हैं। कोरोना काल के बावजूद पिछले 8 महीने से लगातार जीएसटी रेवेन्यू एक लाख करोड़ रुपये के मार्क को पार कर रहा है। आज एक करोड़ 28 लाख रजिस्टर्ड उद्यमी इसका लाभ ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभियान के 6 वर्ष पूरे होने पर देश को शुभकामनाएं दी और कहा कि आज का दिन भारत के सामर्थ्य, भारत के संकल्प और भविष्य की असीम संभावनाओं को समर्पित है।डिजिटल इंडिया, भारत का संकल्प है। डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत की साधना है। डिजिटल इंडिया, 21वीं सदी में सशक्त होते भारत का जयघोष है। उन्होंने यह भी कहा कि "मिनिमम गवर्मेंट मैक्सिमम गवर्नेंस" के सिद्धातों पर चलते हुए सरकार और जनता के बीच सिस्टम और सुविधाओं के बीच समस्याओं और सर्विस के बीच का गैप कम करना, इनके बीच की मुश्किलें कम करना और जन सामान्य की सुविधा बढ़ाना ये समय की मांग है। लाभार्थियों से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा का डिजिटल होना आज समय की मांग है। अब हमारी कोशिश है कि गांव में सस्ती और अच्छी इंटरनेट कनेक्टिविटी मिले। सस्ते मोबाइल और दूसरे माध्यम उपलब्ध हो, ताकि गरीब से गरीब बच्चा भी अच्छी पढ़ाई कर पाएं। प्रधानमंत्री मोदी ने ई-नाम योजना के लाभार्थी के साथ बात की। उन्होंने कहा कि ई-नाम पोर्टल इसलिए बनाया गया है, ताकि किसान देश की सभी मंडियों में अपनी फसल का सौदा कर सके। इस पोर्टल पर किसान और व्यापारी बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं।
इससे पहले केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि छह साल डिजिटल इंडिया के पूरे हो गए। गरीबों के बैंक खाते खोले गए। कल्याणकारी योजनाओं के पैसे सीधे गरीबों के बैंक खाते में डाले हैं। आज डिजिटल एग्रीकल्चर के जरिए किसान अपनी फसल बेच रहे हैं।
इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने दीक्षा पोर्टल के माध्यम से पढ़ाई कर रही उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले की कक्षा-5 की छात्रा सुहानी शाह व अध्यापिका प्रतिभा, इनाम एप्स से अपनी किसानी कारोबारी एवं उत्पादों को बिक्री करने वाले महाराष्ट्र के हिंगोली के किसान प्रहलाद बोरघाट, ईसंजीवनी ऐप के माध्यम से कोरोना काल में वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा टेलीमेडिसिन के माध्यम से अपनी दादी कांति देवी का इलाज कराने वाले ईस्ट चंपारण बिहार के शुभम एवं डॉक्टर भूपेंद्र सिंह से उन्होंने वार्ता की तथा डॉक्टर्स डे का डॉक्टर भूपेंद्र के माध्यम से पूरे देश के डॉक्टरों को बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने वन नेशन वन राशन कार्ड योजना से लाभान्वित लाभार्थी देहरादून के हरिराम, कामन सर्विस सेंटर योजना अंतर्गत ग्रामीण ईस्टोर के माध्यम से सुविधा प्राप्त कर रहे धरमपुर हिमाचल प्रदेश के मेहर दत्त शर्मा, स्वनिधि योजना अंतर्गत रेहड़ी पटरी व्यवसायी उज्जैन मध्य प्रदेश की नाजमीन शाह से उनके द्वारा मोबाइल के माध्यम से किये जाने डिजिटली लेनदेन तथा शिलांग मेघालय की वाडामाफी सिमलीह से उनके अनुभव पर वार्ता कर उनका उत्साहवर्धन किया।